आपने 'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल के पराक्रम को देखा होगा, नहीं तो पाकिस्तान से पूछ लें : सीएम योगी (लीड-1)


लखनऊ, 11 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर पाकिस्तान और उसके द्वारा संरक्षित आतंकवाद पर कड़ा प्रहार किया। उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद कुत्ते की पूंछ है, जो कभी सीधी होने वाली नहीं, जो प्यार की भाषा मानने वाला नहीं, उसको उसी की भाषा में जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।

सीएम योगी ने कहा कि इस दिशा में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से दुनिया को एक संदेश दे दिया है। अब समय आ गया है, जब आतंकवाद को कुचलने के लिए हम सबको एक स्वर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस अभियान से जुड़ना होगा।

कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी वर्चुअली उपस्थित रहे। उन्होंने और सीएम योगी ने एक साथ बटन दबाकर ब्रह्मोस यूनिट का शुभारंभ किया। इस दौरान रक्षा उत्पादन से जुड़ी पुस्तक ‘ब्रह्मांड’ का भी विमोचन किया गया। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। मुख्यमंत्री को ब्रह्मोस मिसाइल का प्रतिरूप भी भेंट किया गया।

मुख्यमंत्री योगी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए भारत की तीनों रक्षा सेनाओं के बहादुर जवानों, प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अभिनंदन करते हुए प्रदेशवासियों की ओर से बधाई दी।

उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल क्या है, इसके पराक्रम को आपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में देखा होगा और नहीं देखा तो कम से कम पाकिस्तान वालों से पूछ लेना चाहिए कि ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत क्या है। आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि कोई भी आतंकी घटना अब युद्ध जैसी होगी और याद रखना आतंकवाद को जब तक हम पूरी तरह कुचलेंगे नहीं तब तक समस्या का समाधान होगा भी नहीं। किसी भी स्वावलंबी देश के लिए आवश्यक है कि अपनी रक्षा आपूर्ति के लिए वह दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर होने की बजाय स्वयं उस लक्ष्य को प्राप्त करे। इजरायल इसका उदाहरण है, जिसने सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया है। उसने अपने अगल-बगल के दुश्मन देशों को नाकों चने चबाने के लिए मजबूर किया है।

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में भारत के सामने जो लक्ष्य रखा, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर और ब्रह्मोस मिसाइल उसी अभियान का हिस्सा है। वीडीएल झांसी में आ रहा है। उसका काम बहुत तेजी से आगे बढ़ चुका है। विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत आज जिस दिशा में आगे बढ़ा है, वह उसे प्राप्त करेगा। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय बजट में दो डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की थी, लेकिन यह कहां बनेगी, इसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने इसी लखनऊ में की थी। उत्तर प्रदेश में इसके लिए छह नोड तय किए गए। इनमें राजधानी लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के लिए चुना गया। 2019 में केंद्र में जब पुनः सरकार बनी तब रक्षा मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह ने 2020 में पहली बार लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया, तब उन्होंने लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की प्रोडक्शन यूनिट लगाने की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर डिफेंस कॉरिडोर के जो छह नोड विकसित हो रहे हैं, इन पर हमारा कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे पहले हमने कानपुर में रक्षा सेनाओं के लिए गोला-बारूद के उत्पादन केंद्र का शुभारंभ किया था। अब उसके विस्तार के लिए भी भूमि की मांग हो रही है। लखनऊ में भी ब्रह्मोस को जैसे ही 200 एकड़ भूमि दी गई तो पीटीसी भी यहां पर आया है। पीटीसी ने न केवल ब्रह्मोस के लिए बल्कि एयरोस्पेस से जुड़े अनेक कार्यों के लिए एक एंकर यूनिट के रूप में उत्पादन कार्य प्रारंभ किया है। यहां ब्रह्मोस से जुड़ी हुई लगभग सात एंकर यूनिट लग रही हैं। 2013-14 में भारत का जो रक्षा उत्पादन था, आज हम उससे कई सौ गुना ज्यादा उत्पादन और निर्यात कर रहे हैं। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ दुनिया के तमाम मित्र देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करके उनकी सुरक्षा की आवश्यकताओं की पूर्ति का भी काम कर रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हमारा लक्ष्य था कि छह डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में हमें 50,000 करोड़ रुपए के निवेश कराने हैं, 1,00,000 युवाओं को रोजगार भी देना है। अब तक हमारे साथ डिफेंस एक्सपो के साथ ही देश और दुनिया के अलग-अलग भागों से 57 एमओयू हो चुके हैं, जिनके माध्यम से करीब 30 हजार करोड़ के निवेश सिर्फ डिफेंस सेक्टर से ही होने जा रहे हैं। लगभग 60 हजार नौजवानों को हम लोग नौकरी के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। ब्रह्मोस, पीटीसी, डीआरडीओ, एलएंडटी और सभी इकाइयों को धन्यवाद दूंगा, जो स्थानीय स्तर के नौजवानों को प्रशिक्षित करके रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले जिस राज्य में नौकरी नहीं होती थी, पलायन होता था, आज वहां पर निवेश भी हो रहा है, आज वहां पर एमएसएमई यूनिट एक एंकर यूनिट के रूप में बेस तैयार कर रहा है। पहले कंपनियों को यहां आने में समस्या होती थी, क्योंकि पॉलिसी नहीं थी, सुरक्षा का अभाव था। जब व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं तो पूंजी कहां सुरक्षित रहने वाली है। आज व्यक्ति भी सुरक्षित है, पूंजी भी सुरक्षित है और देश की सुरक्षा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए भी हम मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज एक समृद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे पास है। डीआरडीओ का केंद्र, ब्रह्मोस मिसाइल के साथ-साथ एंकर यूनिट के रूप में पीटीसी की उपस्थिति और अन्य महत्वपूर्ण रक्षा उत्पादन के लिए किए जाने वाले निवेश इस बात के गवाह हैं कि उत्तर प्रदेश इस दिशा में भारत की आवश्यकताओं की आपूर्ति करने के लिए पूरी मजबूती के साथ एक ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की रक्षा उत्पादन की आत्मनिर्भरता में अपना योगदान देने में पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। यहां पर अभी डीआरडीओ को या फिर ब्रह्मोस जैसे रक्षा उत्पादन से जुड़े अन्य कार्यक्रमों के लिए जितनी भी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, उत्तर प्रदेश सरकार पहले की तरह इसमें भरपूर मदद करेगी।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम


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