योगी सरकार की इंटीग्रेटेड प्रणाली राजस्व विभाग में बढ़ाएगी पारदर्शिता

लखनऊ, 11 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेशवासियों की समस्याओं के त्वरित समाधान और राजस्व विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ी डिजिटल पहल करने जा रही है। यूपी सरकार लेखपाल से लेकर आयुक्त तक के अधिकारियों को एक समेकित डैशबोर्ड से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है।
इस समेकित डैशबोर्ड से राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और जवाबदेही भी तय होगी। इसके साथ ही विभागीय समन्वय को मजबूती मिलेगी।
राजस्व विभाग के सभी अधिकारी जैसे लेखपाल, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम और आयुक्त अब एक ही डिजिटल मंच पर अपनी जानकारी साझा कर सकेंगे। इससे न केवल कार्यों की निगरानी आसान होगी, बल्कि जनता की शिकायतों का समयबद्ध समाधान भी सुनिश्चित हो सकेगा।
इस डैशबोर्ड पर भूमि रिकॉर्ड, भू-माप, राजस्व संग्रह और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होंगी। अधिकारी इन आंकड़ों का विश्लेषण कर तेजी से निर्णय ले सकेंगे। इससे विभागीय कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
डैशबोर्ड के माध्यम से विभागीय अधिकारियों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इससे हर स्तर के अधिकारी के कार्यों की समीक्षा संभव होगी और जवाबदेही तय की जा सकेगी। जनता के साथ-साथ शासन भी यह जान सकेगा कि कौन अधिकारी किस स्तर पर कितना सक्रिय है।
भूमि विवादों के समाधान में अक्सर समय लगता है, लेकिन इस डैशबोर्ड की मदद से अधिकारी संबंधित दस्तावेजों को डिजिटल रूप में तत्काल देख सकेंगे। इससे विवादों का जल्द निस्तारण संभव होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विवादों पर भी अंकुश लगेगा।
यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार की व्यापक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पहल का हिस्सा है। सरकार चाहती है कि तकनीक के जरिए प्रशासन को और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और संवेदनशील बनाया जाए।
–आईएएनएस
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