योगी सरकार का प्रयास मौसम जनित आपदाओं से हो न्यूनतम क्षति


लखनऊ, 24 मई (आईएएनएस)। चंद रोज पहले मई में जैसी बारिश हुई वह अप्रत्याशित है। साथ में तेज आंधी, ओले और आकाशीय बिजली का गिरना तो और भी अप्रत्याशित है। मौसम के इस अप्रत्याशित व्यवहार के कारण जन धन की भारी क्षति हुई। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान करीब तीन दर्जन लोगों की जान गई। ये हाल प्री मानसून बारिश का है। मानसून का पूरा सीजन अभी बाकी है। लिहाजा मौसम का यह अप्रत्याशित व्यवहार चिंताजनक है। फिलहाल योगी सरकार लोगों के अधिकतम हित के लिए इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह संजीदा है। उसका संभव प्रयास है कि जागरूकता और पूर्व सूचना के जरिए इस दौरान होने वाले जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जाए। साथ ही जिसे या जिसके परिवार को क्षति हुई हो, उसे भावनात्मक और आर्थिक सुरक्षा के लिए जितनी जल्दी संभव हो मदद की जाए। यह सब हो भी रहा है।

उल्लेखनीय है कि अब मौसम जनित ऐसी आपदाएं मानसून के सीजन तक सीमित नहीं रहीं। पिछले तीन-चार दशकों से ग्लोबल वार्मिंग जनित क्लाइमेट चेंज के नाते इनका और इनसे होने वाली क्षति का दायरा बढ़ा है। बावजूद इसके आंधी, गरज के साथ आकाशीय बिजली और भारी बारिश से सर्वाधिक क्षति की संभावना मानसून के (सीजन जून से सितंबर) के दौरान ही होती है।

ऐसे मौसम में जान-माल की संभावित क्षति को न्यूनतम करने के लिए मौसम विभाग की मदद से सरकार जरूरत पर अलर्ट जारी करती है। लोगों को सलाह दी जाती है कि ऐसे मौसम में वे अपेक्षाकृत सुरक्षित मकान में चले जाएं। खिड़की, दरवाजे, पेड़, मोबाइल टावर, बिजली के खंभों, पानी के स्रोतों से दूर रहें। बच्चों को बाहर न खेलने दें। लोहे की खिड़की, दरवाजे और हैंडपंप से दूर रहें। अगर ऐसे मौसम में आप कहीं खुली जगह पर फंस गए हैं तो दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें और घुटनों के बल उकड़ू बैठ जाएं। मौसम के पूर्वानुमान और उसकी गंभीरता के अनुसार सुरक्षा के लिए मोबाइल में दामिनी या सचेत ऐप को डाउनलोड कर लें। इसके अलावा मदद के लिए कंट्रोल रूम नंबर पर फोन कर सकते हैं।

योगी सरकार आकाशीय बिजली के लिए लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम का क्रियान्वयन करने जा रही है। इसी क्रम में जिला स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों का सुदृढ़ीकरण करने की कार्ययोजना पर भी काम चल रहा है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देकर हानि को न्यूनतम करने का प्रयास किया जा रहा है।

मौसम विभाग पहले से ही बिजली का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने पर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) को दिए गए निर्देशों के बाद, पूरे राज्य में आगमन समय (टीओए) प्रौद्योगिकी पर आधारित अत्याधुनिक बिजली पहचान प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जो समय और स्थान के मामले में अधिक सटीक है। यह प्रणाली किसी विशेष क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना का कम से कम 30 मिनट पूर्व लगाकर लोगों को आगाह कर देती है। चरणबद्ध तरीके से इसकी स्थापना का भी काम शुरू हो चुका है।

–आईएएनएस

एएस/


Show More
Back to top button