युवा सशक्तीकरण के लिए कौशल विकास के साथ मिशन मोड में आगे बढ़ रही योगी सरकार

लखनऊ, 7 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर योगी सरकार ने ‘कौशल’ को आधार बनाकर मिशन मोड में कदम बढ़ा दिए हैं। इसके अंतर्गत युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के साथ ही कौशल योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक दिए जाने पर बल दिया गया है।
इसके साथ ही, प्रशिक्षण में स्थानीय आवश्यकताओं और आधुनिक तकनीकों को जोड़ने के साथ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और कौशल विकास मिशन को मिलाकर रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की भी योजना है।
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन कार्यालय, लखनऊ में डेलॉयट इंडिया के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में कौशल विकास योजनाओं की वर्तमान प्रगति और भविष्य की दिशा पर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री ने निर्देश दिया कि डेलॉयट इंडिया के साथ नियमित बैठक कर आगामी दो वर्षों की प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही कौशल योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक युवाओं को मिले।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे वे रोजगार के लिए भटकने को मजबूर न हों।
राज्यमंत्री ने कहा कि अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए विभिन्न संस्थानों से निरंतर संवाद किया जाए और अधिकाधिक अवसर युवाओं को प्रदान किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि योजनाओं की समीक्षा छात्रों की प्रतिक्रिया से हो, जिसके लिए रैंडम कॉल और फील्ड निरीक्षण कर छात्रों से सीधे संवाद स्थापित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि मंडल स्तर पर कार्यक्रम और बैठकें आयोजित कर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को गति दी जाए। इसी क्रम में, स्किल मित्र पोर्टल पर प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं का ट्रेड और मोबाइल नंबर सहित डेटा दर्ज किया जाए ताकि योजनाओं की निगरानी और प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।
बैठक के दौरान ही प्रशिक्षित कुछ युवाओं से कॉल पर बातचीत की गई, जिसमें योजनाओं को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।
–आईएएनएस
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