यादों में 'वीरू' : एक्टिंग, रोमांस और कॉमेडी के सुपरस्टार, एक्शन से मिला 'हीमैन' का खिताब


मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने 24 नवंबर को दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने 89 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। धर्मेंद्र सिर्फ फिल्मों के अभिनेता नहीं थे, बल्कि अपने खास अंदाज और लुक्स से लोगों के दिलों पर भी राज करते थे। उनकी फिजिक और फिटनेस ने उन्हें बॉलीवुड में अलग ही मुकाम दिया। यही वजह है कि उन्हें बॉलीवुड का ‘हीमैन’ कहा गया।

धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गांव में हुआ था। उनका असली नाम धर्मेंद्र केवल कृष्ण देओल था। उनके पिता केवल कृष्ण और मां सतवंत कौर थीं। धर्मेंद्र का बचपन साहनेवाल गांव में ही बीता। उनके पिता सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से पूरी की। बचपन में ही उनमें कुछ अलग करने की चाह थी।

फिल्मफेयर मैगजीन के न्यू टैलेंट कॉम्पिटिशन में धर्मेंद्र ने भाग लिया और विजेता बने। इसके बाद उनके कदम बॉलीवुड की ओर मुड़ गए।

धर्मेंद्र ने 1960 में फिल्म ‘दिल भी मेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में कदम रखा। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई, लेकिन इसके बाद उन्होंने ‘शोला और शबनम’ जैसी फिल्में कीं, जिसने उन्हें पहचान दिलाई। धीरे-धीरे उन्होंने अपने करियर की नींव मजबूत की। उन्होंने ‘अनपढ़’, ‘बंदिनी’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘हकीकत’, ‘फूल और पत्थर’, ‘ममता’, ‘अनुपमा’, ‘इज्जत’, ‘आंखें’, ‘शिखर’ और ‘मंझली दीदी’ जैसी कई हिट फिल्में दीं।

70 के दशक में धर्मेंद्र को असली स्टारडम मिला। इस समय उन्होंने अपने लुक और फिटनेस के कारण दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। उनकी एक्शन फिल्मों में जबरदस्त स्टंट और मजबूत शरीर ने उन्हें ‘हीमैन’ का खिताब दिलाया। उनके साथ-साथ हेमा मालिनी की जोड़ी भी बहुत पसंद की गई। धर्मेंद्र और हेमा ने ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘राजा जानी’, ‘तुम हसीन मैं जवान’ और ‘पत्थर के फूल’ जैसी हिट फिल्में दीं। धर्मेंद्र का ‘वीरू’ का किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मों में कई तरह के किरदार निभाए। एक्शन, रोमांस, कॉमेडी और ड्रामा, हर रोल में वह अपनी छाप छोड़ जाते थे। वह हमेशा अपने स्टंट खुद करते थे। कई बार उन्होंने असली जानवरों के साथ भी एक्शन सीन किए। धर्मेंद्र की कॉमेडी फिल्मों की भी तारीफ होती थी। ‘चुपके चुपके’ और ‘यमला पगला दीवाना’ जैसी फिल्में दर्शकों के लिए हंसी का खजाना साबित हुईं।

उन्हें साल 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला। साल 2012 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया। उनके द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्म ‘घायल’ को भी नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। धर्मेंद्र हमेशा फिल्मों को सिर्फ पैसे कमाने का जरिया नहीं मानते थे, वह इसे अपने जुनून और प्यार के लिए करते थे।

धर्मेंद्र का निजी जीवन भी किसी फिल्मी कहानी जैसा रहा। उन्होंने दो शादियां की। पहली शादी प्रकाश कौर से हुई, जिनसे उनके दो बेटे सनी और बॉबी देओल और दो बेटियां अजीता और विजीता हैं। साल 1980 में उन्होंने हेमा मालिनी से शादी की और उनकी दो बेटियां एशा और अहाना हैं। धर्मेंद्र अपने परिवार से बेहद प्यार करते थे।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम


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