शुक्रवार को करें मां लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा, मिलेगा सुख-सौभाग्य


नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 नवंबर दोपहर 2 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इसके बाद द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन सूर्य और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे।

द्रिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इस दिन कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं।

ब्रह्मवैवर्त और मत्स्य पुराण के अनुसार, शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी और संतोषी माता और शुक्र ग्रह की आराधना करनी चाहिए। इस तिथि पर विधि-विधान से पूजा करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती हैं।

यह व्रत शुक्र ग्रह को मजबूत करने और उससे जुड़े दोषों को दूर करने के लिए भी रखा जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर माता रानी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

अगर कोई भी जातक व्रत शुरू करना चाहता है तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से कर सकता है। आमतौर पर 16 शुक्रवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है।

इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए जातक सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें और उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग लगाएं।

‘श्री सूक्त’ और ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करें। मंत्र जप करें, ‘ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ और ‘विष्णुप्रियाय नमः’ का जप भी लाभकारी है।

–आईएएनएस

एनएस/वीसी


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