चीन में दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा प्रणाली स्थापित


बीजिंग, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि औद्योगिक और ऊर्जा संरचनाओं का समायोजन बढ़ाने से अक्षय ऊर्जा का विकास करना होगा। 14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन में अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता का पैमाना तेजी से बढ़ रहा है। चीन में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अक्षय ऊर्जा प्रणाली का निर्माण किया गया है। इससे चीन में ऊर्जा की सुरक्षित आपूर्ति और हरित व निम्न-कार्बन परिवर्तन का समर्थन किया गया।

14वीं पंचवर्षीय योजना की रूपरेखा में अक्षय ऊर्जा के विकास की दिशा स्पष्ट की गई। चीन में पवन ऊर्जा और फोटोवोल्टिक विद्युत उत्पादन के पैमाने में जोरदार वृद्धि की जाएगी। जलविद्युत ठिकानों के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। अधिक बहु-ऊर्जा संपूरकता वाले स्वच्छ ऊर्जा आधारों का निर्माण किया जाएगा। कुल ऊर्जा खपत में गैर-जीवाश्म ऊर्जा का अनुपात लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। अब तक यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही पार कर लिया गया है।

14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान ऊर्जा कानून और अक्षय ऊर्जा के विकास की योजना समेत 340 से अधिक कानून, नियम, नीति और दस्तावेज जारी किए गए। इसके साथ 14वीं पंचवर्षीय योजना में पहली बार निर्धारित नौ स्वच्छ ऊर्जा ठिकानों का निर्माण पूरी तरह से शुरू हो गया है। पिछले पांच सालों में पूरे चीन में 19 नई यूएचवी परियोजनाओं का निर्माण शुरू हुआ। उनके द्वारा वितरित की जाने वाली बिजली का आधे से अधिक हिस्सा स्वच्छ ऊर्जा है।

14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन द्वारा निर्यातित पवन ऊर्जा और फोटोवोल्टिक उत्पाद दुनिया भर के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों को कवर करते हैं। इससे अन्य देशों के लिए कुल लगभग 4 अरब 10 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई, जो दुनिया के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन का लगभग दसवां हिस्सा है। चीन ने दुनिया में जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयास में अपना योगदान दिया।

भविष्य में चीन बड़े पैमाने पर पवन ऊर्जा और फोटोवोल्टिक ठिकानों के दूसरे और तीसरे बैच के निर्माण में तेजी लाएगा। वर्ष 2035 तक पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता वर्ष 2020 की तुलना में छह गुना से अधिक हो जाएगी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एबीएम/


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