स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करने वाला दुनिया का पहला बॉडी डिवाइस तैयार

स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करने वाला दुनिया का पहला बॉडी डिवाइस तैयार

न्यूयॉर्क, 17 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक व्यक्ति के नेतृत्व में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दुनिया का पहला उपकरण विकसित किया है जो मानव शरीर में सूक्ष्म ध्वनियों को लगातार ट्रैक कर सकता है और किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकता है।

यह उपकरण शरीर के लगभग किसी भी हिस्‍से पर एक वायरलेस तरीके से फेफड़ों के अंदर और बाहर आने वाली हवा, दिल की धड़कन और यहां तक कि लंबे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (जीआई ट्रैक्ट) के माध्यम से पचने वाले भोजन की प्रगति को ट्रैक कर सकता है।

पायलट स्टडी में अमेरिका में नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने श्वसन और आंतों की गतिशीलता संबंधी विकारों वाले 15, समय से पहले जन्में बच्चे और 55 वयस्क, जिनमें 20 पुरानी फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ितों को शामिल किया गया।

नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि उपकरणों ने न केवल क्लिनिकल-ग्रेड सटीकता के साथ प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने नई कार्यक्षमताएं भी पेश की, जिन्हें विकसित नहीं किया गया है और न ही अनुसंधान या क्लिनिकल देखभाल में पेश किया गया है।

नॉर्थ वेस्टर्न मेडिसिन के थोरेसिक सर्जन अंकित भरत ने कहा, “इन उपकरणों के पीछे का विचार रोगी के स्वास्थ्य का अत्यधिक सटीक निरंतर मूल्यांकन प्रदान करना है।”

उच्च प्रदर्शन वाले डिजिटल माइक्रोफोन और एक्सेलेरोमीटर के जोड़े से युक्त छोटे हल्के उपकरण एक व्यापक गैर-आक्रामक सेंसिंग नेटवर्क बनाने का पालन करते हैं।

नरम सिलिकॉन से बने उपकरण की लंबाई 40 मिलीमीटर, चौड़ाई 20 मिलीमीटर और मोटाई 8 मिलीमीटर है।

डिवाइस में एक फ्लैश मेमोरी ड्राइव, छोटी बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक ब्लूटूथ क्षमताएं और दो छोटे माइक्रोफोन हैं, जिनमें से एक का मुख शरीर के अंदर की ओर है और दूसरे का मुख बाहर की ओर है।

दोनों दिशाओं में ध्वनियों को कैप्चर करके, एक एल्गोरिदम बाहरी (परिवेश या पड़ोसी अंग) ध्वनियों और आंतरिक शरीर की ध्वनियों को अलग कर सकता है।

यह उपकरण समय से पहले जन्में बच्चों के लिए विशेष रूप से सहायक है। समय से पहले जन्में बच्चे आमतौर पर एपनिया से पीड़ित होते हैं जो लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने और संभावित मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं।

शिकागो के ऐन एंड रॉबर्ट एच. लुरी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में स्वायत्त चिकित्सा के सह-लेखक प्रमुख डॉ. डेबरा ई. वीज ने कहा, ”इनमें से कई बच्चे स्टेथोस्कोप से भी छोटे होते हैं इसलिए उन पर निगरानी रखना पहले से ही तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होता है।”

वीज-मेयर ने कहा, “इन नए ध्वनिक उपकरणों की खूबी यह है कि वे जागने और सोने के दौरान बच्चे की लगातार निगरानी कर सकते हैं।”

पुरानी फेफड़ों की बीमारियों और स्वस्थ नियंत्रण वाले वयस्कों में उपकरण ने एक साथ विभिन्न स्थानों पर फेफड़ों की आवाज और शरीर की गति के वितरण को कैप्चर किया, जिससे शोधकर्ताओं को फेफड़ों के विभिन्न क्षेत्रों में एक ही सांस का विश्लेषण करने में मदद मिली।

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

E-Magazine