पुंछ, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए या आत्मा) योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के लिए पुंछ जिले के कृषि विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके अंतर्गत कृषि विभाग महिलाओं को कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण देने के साथ-साथ सब्जियों के हाइब्रिड पौधे भी उपलब्ध करा रहा है।
बुधवार को, कृषि विभाग की ओर से जिले के गांव साथरा, चकतरो और चंडक की महिलाओं को जिले की कृषि विस्तार अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह के नेतृत्व में मुख्यालय पुंछ स्थित पाली ग्रीनहाउस का दौरा कराया गया। इस दौरान, उपजिला कृषि अधिकारी चरणजीत सिंह ने किसानों को वहां उगाई जा रही विभिन्न सब्जियों के हाइब्रिड पौधों के बारे में जानकारी दी और उन्हें पौधे भी वितरित किए।
इस अवसर पर सलमा अख्तर ने बताया, “हम यहां सातारा गांव से आए हैं। कृषि विभाग ने हमें यहां बुलाया था। हमें यहां बीज दिए गए हैं, जैसे गोभी, गिनीरी इत्यादि। हम इन बीजों को घर में ले जाकर अच्छे से लगाएंगे और इसका लाभ उठाएंगे। घर में खाने के लिए सब्जियां दी गई हैं। हमारी सरकार ने हमें बहुत मदद दी है, जिससे हम आज अपने पैरों पर खड़े हैं। इसके लिए हम केंद्र सरकार का बहुत धन्यवाद करते हैं और खासकर पीएम मोदी का भी आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारी इतनी मदद की है।”
जाइदा ने बताया, “हमने एक समूह बनाया है और ये सभी लोग हमारे साथ हैं। आगे आने वाले महीनों में हमें मशरूम दिया जाएगा। हमने 60 बाग लगाए हैं और घर में सब्जियां उगा रहे हैं। यह जो सरकार है, यह बहुत अच्छी है और हमारी हालत में सुधार कर रही है। मोदी सरकार वाकई में एक बेहतरीन सरकार है और हमें उम्मीद है कि आगे भी हमें बहुत कुछ मिलेगा।”
पुंछ के सब डिविजनल एग्रीकल्चर ऑफिसर चरणजीत सिंह ने इस योजना से हुए लाभ के बारे में बताते हुए कहा, “बुधवार को यहां पर आत्मा योजना के तहत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जो खास तौर पर महिला किसानों के लिए था। आत्मा योजना के तहत, हमने एक एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया, जो हमारे चीफ एग्रीकल्चर ऑफिस कॉम्प्लेक्स में हुआ। यहां हमने प्राकृतिक रूप से हवादार पाली ग्रीनहाउस स्थापित किया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के हाइब्रिड सब्जी बीज जैसे ब्रोकली, फूलगोभी, कैबेज, प्याज इत्यादि लगाए गए हैं। हमारा उद्देश्य था कि हम महिला किसानों को इस पाली ग्रीनहाउस का दौरा करवा कर यह दिखाएं कि हम किस प्रकार इन सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इसके तहत, हमने 25 महिला किसानों को इस एक्सपोजर विजिट के लिए आमंत्रित किया था। साथ ही, हमने 300 रुपए का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) उनके खाते में भेजने का निर्णय लिया, और उन्हें विभाग से सब्जियां खरीदने का मौका भी दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा मकसद यह है कि हम इन महिला किसानों के माध्यम से अपनी पूरी कृषि समुदाय को यह संदेश दें कि कैसे कृषि में विविधता लाकर हम अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। मेरी बात का मतलब यह है कि हम पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जी की खेती, एपीकल्चर (बी कीपिंग) और मशरूम उत्पादन जैसे क्षेत्रों को भी बढ़ावा दें। हमने महिला किसानों को कृषि के इस विविधीकरण के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें सुझाव दिया कि वे अपनी फार्मों में एक पाली हाउस, एग्रीकल्चर यूनिट और 100 कम्पोस्ट बैग्स का यूनिट स्थापित करें। इस तरह हम उन्हें प्रशिक्षण देकर यह बताएंगे कि कैसे वे कृषि में विविधता लाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं और किसान की समृद्धि में योगदान कर सकते हैं।”
–आईएएनएस
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