बिक्रम विधानसभा में 10 साल बाद कमल खिलेगा या फिर कांग्रेस लगाएगी जीत की हैट्रिक?


नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार की बिक्रम विधानसभा सीट चुनावी चर्चा का केंद्र बन चुकी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस सीट पर 10 साल बाद कमल खिलाने के लिए जोर-शोर से जुटी है, जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के लिए मैदान में डटी है।

भाजपा ने इस सीट पर सिद्धार्थ सौरव को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने अनिल कुमार सिंह को टिकट दिया है। दोनों उम्मीदवार पहले भी इस विधानसभा सीट से अलग-अलग दलों के बैनर तले चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं। इस बार दोनों ही अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं।

2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार वह भाजपा की ओर से चुनावी मैदान में हैं। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार कभी भाजपा के लिए बिक्रम विधानसभा की पिच पर बल्लेबाजी कर चुके हैं।

इस सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर तय मानी जा रही है।

बिक्रम विधानसभा, पटना जिले का एक ग्रामीण क्षेत्र, अपनी उपजाऊ मिट्टी और सोन नदी के किनारे बसे गांवों के लिए जाना जाता है। लेकिन इसके बावजूद, यह क्षेत्र कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, जो स्थानीय लोगों की जिंदगी को कठिन बनाए हुए हैं।

रोजगार का अभाव तो जैसे इस क्षेत्र की नियति बन चुका है। इस विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो हैं, लेकिन डॉक्टरों और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। मरीजों को 30-40 किलोमीटर दूर पटना जाना पड़ता है। ग्रामीणों को सामान्य बीमारियों के लिए भी निजी क्लीनिकों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो उनकी जेब पर भारी पड़ता है।

सड़कें और बिजली व्यवस्था जर्जर हैं। गांवों को जोड़ने वाली सड़कें बारिश में कीचड़ बन जाती हैं, और बिजली कटौती रातों को और अंधेरी कर देती है। स्कूल भवनों की हालत खस्ता है, और शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है।

इस विधानसभा में रहने वाले लोगों की जिंदगी मुख्य रूप से कृषि पर टिकी है, लेकिन बाढ़ और सूखे ने खेती को जोखिम भरा बना दिया है। जिससे किसानों को साल दर साल जूझना पड़ता है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर न के बराबर हैं, जिसके कारण युवाओं का पलायन एक बड़ी समस्या बन चुका है।

विधानसभा के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में युवा दिल्ली, पंजाब, गुजरात, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मजदूरी, निर्माण कार्य, या फैक्ट्री जॉब्स के लिए जाते हैं।

बिक्रम विधानसभा में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस के उम्मीदवार ने चुनाव जीता। भाजपा यहां तीसरे नंबर पर रही थी। 2015 में भी कांग्रेस ने चुनाव जीता। दूसरे नंबर पर भाजपा रही थी। हालांकि, 2010 और 2005 में भाजपा ने चुनाव जीता।

चुनाव आयोग के अनुसार, यहां की कुल जनसंख्या 532443 है, जिनमें पुरुषों की जनसंख्या 273398 और महिलाएं 259045 हैं। एक जनवरी 2024 के चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार, कुल मतदाता 316053, पुरुष मतदाता 165219, महिला मतदाता 150816 और थर्ड जेंडर मतदाता 18 हैं।

–आईएएनएस

डीकेएम/डीएससी


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