एक्सप्लेनर : क्यों इनकम टैक्स बिल 2025 एक जरूरी और अहम सुधार है?


नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार देश में पारदर्शी, दक्ष और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल तैयार करने के उद्धेश्य से नया इनकम टैक्स बिल 2025 लाने जा रही है।

माना जा रहा है कि यह बिल गुरुवार को संसद में पेश किया जा सकता है और यह पुराने इनकम टैक्स कानून, 1961 की जगह लेगा, जो कि मौजूदा समय में पुराना पड़ चुका है और बार-बार संशोधनों के कारण काफी पेचीदा हो गया है।

नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सरकार ने सुधारों और कानून को सरल बनाने पर जोर दिया है।

नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सेक्शन की संख्या घटाकर 819 से 536 कर दी गई है। साथ ही इसमें अनावश्यक छूटों को समाप्त करने और कुल शब्द संख्या 5 लाख से घटाकर 2.5 लाख करने का प्रस्ताव है।

भारत की टैक्स नीति में एक बड़ा बदलाव 2017-18 में शुरू हुआ था, जब कई कटौतियों को समाप्त करते हुए कॉर्पोरेट टैक्स दरों को कम कर दिया गया।

इस कदम ने प्रणाली को निष्पक्ष बना दिया, जिससे छोटे व्यवसायों को लाभ हुआ जो पहले जटिल टैक्स स्ट्रक्चरों से जूझ रहे थे।

अनावश्यक टैक्स इंसेंटिव को समाप्त करके और एक टैक्स स्ट्रक्चर की ओर बढ़ते हुए, सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी करदाता लूपहोल का उपयोग किए बिना अपना योगदान दें।

इससे भारत का टैक्स बेस मजबूत होगा और लंबे समय में आय स्थिरता में सुधार होगा। यह कानून भारत के टैक्स सिस्टम को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के करीब भी लाता है।

नए इनकम टैक्स बिल 2025 की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें टेक्नोलॉजी से संचालित असेसमेंट पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

जैसे-जैसे डिजिटल उपकरण अधिक उन्नत होते जा रहे हैं, टैक्स जांच और फाइलिंग स्वचालन और एआई-संचालित आकलन की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे टैक्स प्रशासन को अधिक कुशल बनाया जा सके और टैक्स चोरी को कम किया जा सके।

अधिक स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए नए इनकम टैक्स बिल में व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए व्याख्या को आसान बनाने के लिए टैक्स प्रावधानों को समझाने के लिए तालिकाएं, उदाहरण और सूत्र भी शामिल किए गए हैं।

टैक्स कानूनों को सरल बनाकर नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सरकार की कोशिश है कि बिजनेस अपना ध्यान वृद्धि पर लगाए न कि टैक्स प्लानिंग पर। इससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

एबीएस/जीकेटी


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