गर्मी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अब घर के पंखे और कूलर आदि काम करना ही बंद कर दिया है। अनुमान है कि आने वाले कुछ समय में टेम्प्रेचर 50 डिग्री को पार कर जाएगा। ऐसे में राहत के लिए कुछ उपाय करना जरूरी हो जाता है।
ऐसे में AC ही एक मात्र ऐसा साधन है, जो आपको धधकती गर्मा से राहत दिला सकती है। मगर क्या आपने कभी इस बात कर विचार किया है कि आखिर आपकी AC का टेम्प्रेचर 16 से 30 डिग्री के बीच ही क्यों होता है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
16°C की सीमा के पीछे का साइंस
- जैसा कि हम जानते हैं कि एसी का टेम्प्रेचर 16°C से कम नहीं हो सकता है। आपको बता दें कि AC गर्मी में आसपास की हवा को ठंडा करने के लिए इवेपोरेटर का उपयोग करती है।
- यह इवेपोरेटर आसपास की हवा से गर्मी को सोखकर उसे ठंड़ा करने के लिए रेफ्रिजरेंट का उपयोग करता है।
- अगर AC का तापमान 16°C से कम सेट किया जाता है, तो इवेपोरेटर बहुत ठंडा हो सकता है, जिससे आसपास की हवा में औस आने लगती है।
- इस स्थिति में हवा इतनी ठंडी हो जाती है कि वातावरण में मौजूद वाष्प लिक्विड में बदल कर जम जाता है।अगर ये और अधिक ठड़ा हुआ तो बर्फ के छोटे क्रिस्टल बन सकते है, जो आपके लिए नुकसान दायक है।
- ये आपकी एसी के इवेपोरेटर को नुकसान पहुंचा सकता है और AC के प्रदर्शन में बाधा डाल सकता है, क्योंकि आपकी एसी में कोई डीफ्रॉस्टिंग मैकेनिज्म नहीं होता है, ऐसे में ये काम करना बंद कर सकता है।
30°C से ज्यादा क्यों नहीं होता है टेम्प्रेचर
- अब सवाल उठता है कि एसी का हाईएस्ट टेम्प्रेचर 30 डिग्री सेल्सियस (86 डिग्री फारेनहाइट) क्यों होता है। जानकारी के लिए बता दें कि एक आइडियल टेम्प्रेचर 27 डिग्री सेल्सियस को माना जाता है। ऐसे में 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा का टेम्प्रेचर आपको असहज महसूस करा सकता है।
- एसी को आरामदायक ठंडा तापमान बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है, न कि आपके घर में भीषड़ गर्मी का एहसास कराना है। यहीं वजह है कि एसी का टेम्प्रेचर 16 से 30 डिग्री के बीच ही होता है।