भारतीय शेयर बाजार क्यों हुआ क्रैश?

मुंबई, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार के कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार बढ़ना है, जिसने वैश्विक वित्तीय बाजारों को चिंता में डाल दिया है।
कारोबारी सत्र में, सेंसेक्स में 3,000 अंकों से अधिक की गिरावट हुई। वहीं, निफ्टी भी 22,000 के अपने अहम स्तर से नीचे आ गया है, जिससे बाजार में निवेशकों को 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार छिड़ चुका है। पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए थे। इसके जवाब में, चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगा दिया है।
दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक संघर्ष के कारण वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने की संभावना है।
अर्थशास्त्री पंकज जयसवाल ने आईएएनएस से कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया पहली बार रिसेट मोड में है, जिसके कारण भारत समेत दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट हुई है। ट्रेड वार के कारण दुनिया में मंदी और महंगाई का खतरा है और इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर ही होगा।
आर्थिक मंदी की चिंता के कारण भारत के दुनिया के शेयर बाजारों में बिकवाली देखी जा रही है।
जापान का निक्केई 7 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5 प्रतिशत तथा हांगकांग का हैंगसेंग 10.5 प्रतिशत से अधिक गिर गया है।
दोपहर के कारोबार तक, भारत के बाजार में भी नकारात्मक सेंटीमेंट देखा जा रहा है। बीएसई पर सभी 13 सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
निफ्टी मेटल इंडेक्स में 8 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि निफ्टी आईटी में 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
ऑटो, रियल्टी और तेल एवं गैस सेक्टर में भी 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई। व्यापक बाजार में बिकवाली का असर देखा गया और मिड-कैप एवंं स्मॉल-कैप इंडेक्सों में क्रमशः 7 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट हुई।
सेंसेक्स में सबसे अधिक गिरावट वाले शेयरों में टाटा स्टील शामिल है, जो लगभग 10 प्रतिशत नीचे है, इसके बाद टाटा मोटर्स, इंफोसिस, एलएंडटी और टेक महिंद्रा हैं, जिनमें से प्रत्येक में 6 प्रतिशत से 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
–आईएएनएस
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