सिर्फ हिंदुओं से ही मदद क्यों? मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं : स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
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वाराणसी, 28 फरवरी (आईएएनएस)। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मंदिरों से सहयोग मांगने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार द्वारा हिंदू मंदिरों से सहयोग मांगने का यह कदम राजनीतिक कारणों से प्रेरित प्रतीत होता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंदिरों से मदद की मांग की है, लेकिन इसके पीछे क्या उद्देश्य है? हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि हिन्दू मंदिरों के चढ़ावे का उपयोग सरकार गैर-हिन्दू कार्यों में करेगी। यह गलत है और यह नहीं होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंदिरों से ही मदद क्यों मांगी, जबकि संसार में बहुत से ईसाई और मुस्लिम संगठन हैं, जो सेवा के नाम पर हिंदुओं का धर्मांतरण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे ईसाई और मुस्लिम संगठनों से क्यों नहीं सहायता मांगी जा रही है? इनसे भी तो धन प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन मंदिरों से ही मदद मांगना यह दर्शाता है कि हमेशा से सनातनी और हिन्दू ही दूसरों की मदद करते आए हैं और आज भी करेंगे।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने यह भी स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और इसने हमेशा ही प्राकृतिक आपदाओं में सहयोग प्रदान किया है, लेकिन हिंदू मठ और मंदिरों पर लालच की दृष्टि से देखना महापाप है। उन्होंने कहा कि संकट के समय में हिन्दू मठ और मंदिर हमेशा आगे आए हैं, और यदि आवश्यकता पड़ी तो वे हमेशा सहायता करेंगे, लेकिन किसी भी हालत में हिंदू मंदिरों के चढ़ावे का दुरुपयोग नहीं होने देंगे।
हिमाचल प्रदेश इस समय आर्थिक संकट की स्थिति से गुजर रहा है। आपदा से उबरने और सरकार की योजनाओं के संचालन जारी रखने के लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार अब धार्मिक ट्रस्टों और मंदिरों से मदद की उम्मीद कर रही है। यही वजह है कि सरकार ने प्रदेश के बड़े मंदिरों को पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी है।
–आईएएनएस
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