सीबीआई ने 23 साल से फरार बैंक धोखाधड़ी के आरोपी राजीव मेहता को अमेरिका से वापस लाने की तैयारी तेज कर दी है। इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस का सामना रहा राजीव मेहता दिल्ली में दर्ज 25 साल पुराने बैंक धोखाधड़ी के मामले में वांछित था। वह वर्ष 2000 से फरार चल रहा था।
16 जून 2000 को जारी किया था रेड कॉर्नर नोटिस
इंटरपोल ने सीबीआई के अनुरोध पर उसके खिलाफ 16 जून 2000 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ग्रेटर कैलाश पार्ट-दो नई दिल्ली में फर्जी बैंक खाते खोलने से जुड़े धोखाधड़ी, चोरी और आपराधिक साजिश के लिए राजीव मेहता के खिलाफ वर्ष 1998 में मामला दर्ज किया गया था। इन खातों के माध्मय से वह विभिन्न पार्टियों के बैंक ड्राफ्ट को रोक लेता था और बाद में भुना लेता था। इस मुकदमे में सीबीआई को उसकी तलाश थी।
1999 में कर दिया था भगौड़ा अपराधी घोषित
आरोपित मेहता को अदालत ने 1999 में भगौड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। प्रवक्ता ने बताया कि सीबीआई के ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर ने इंटरपोल चैनलों के माध्यम से उसका पीछा किया। आखिरकार नेशनल सेंट्रल ब्यूरो, वॉशिंगटन ने उसे अपने अधिकार क्षेत्र में ढूंढ लिया। सीबीआई ने आरोपित को भारत वापस लाने के लिए इंटरपोल चैनलों के माध्यम से अमेरिका से संपर्क किया है।