तैराकी: ओलंपिक में कब शामिल हुआ ये रोमांचक खेल?


नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। इतिहास में कभी किसी व्यक्ति ने अगर किसी नदी या तालाब को पार किया होगा, तो उसे शायद ही इसका अनुमान रहा होगा कि आगे चलकर यह प्रथा एक खेल के रूप में विकसित होगी और तैराकी के नाम से जानी जाएगी। उस दिन से तैराकी काफी आगे निकल चुकी है और अब लंबे समय से ओलंपिक जैसे वैश्विक मंच पर एक रोमांचक खेल के रूप में प्रतिष्ठित है।

अगर इतिहास पर गौर करें तो लगभग 7000 ईसा पूर्व की गुफा चित्रों में तैराकी के प्रमाण मिलते हैं। प्राचीन मिस्र, ग्रीस और रोम में तैराकी सैन्य प्रशिक्षण, मनोरंजन और स्वास्थ्य का हिस्सा थी। आगे चलकर 19वीं सदी में ब्रिटेन में तैराकी क्लब बने। धीरे-धीरे तैराकी का विकास एक खेल के रूप में हुआ और इसे 1896 के ओलंपिक में शामिल किया गया। महिला तैराकों को ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका 1912 से मिला।

20वीं सदी में तकनीकी प्रगति हुई। फ्लिपर्स, गॉगल्स और स्पीडो सूट जैसे उपकरण आए। फेडरेशन इंटरनेशनल डी नेटेशन की स्थापना 1908 में हुई, जो नियम निर्धारित करती है। समय के साथ तैराकी में फ्रीस्टाइल, बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक और बटरफ्लाई शैलियां विकसित हुईं। 1896 ओलंपिक से शुरू हुआ तैराकी का वैश्विक सफर 2024 ओलंपिक तक एक समृद्ध विरासत के रूप में विकसित हो गया है। आज की तारीख में तैराकी को खेल के साथ-साथ फिटनेस के दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जाता है।

ओलंपिक खेलों में तैराक के रूप में अमेरिका के माइकल फेल्प्स सबसे सफल हैं। फेल्प्स ने ओलंपिक में कुल 28 पदक जीते हैं, जिनमें 23 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य पदक शामिल हैं। वह न सिर्फ तैराकी में बल्कि किसी भी इवेंट में ओलंपिक इतिहास के सबसे सफल और सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाले एथलीट हैं।

तैराकी के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और सिंगापुर का नाम आता है। सिंगापुर ने रियो ओलंपिक में तैराकी में गोल्ड जीता था। इसके अलावा, स्वीडन, नीदरलैंड, नॉर्वे, और फिनलैंड में भी तैराकी काफी लोकप्रिय है।

अगर भारत की बात करें तो, तैराकी अभी विकासशील अवस्था में है। देश में स्विमिंग पूल की कमी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, प्रमुख बाधा है। स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नियमित रूप से राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करता है। भारत सरकार लगातार खेलों इंडिया के माध्यम से इस खेल को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है।

–आईएएनएस

पीएके


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