आठ साल के लंबे इंतजार के बाद जब पर्दे पर आईं तब्बू, दमदार एक्टिंग से बनाई खास पहचान

मुंबई, 3 नवंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड की दुनिया में कुछ ऐसे नाम होते हैं, जिनकी अदाकारी को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता। तब्बू भी उनमें से एक हैं। उनकी फिल्मों में जब भी कैमरा उनके चेहरे पर जाता है, तो स्क्रीन पर एक अलग ही जादू होता है।
चाहे वह घरेलू महिला का किरदार हो या दबंग पुलिसवाले का रोल, तब्बू हर किरदार में जान डाल देती हैं। उनके काम को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि बॉलीवुड ने उन्हें हमेशा खास जगह दी है। लेकिन यह बात कम लोग जानते हैं कि जब तब्बू को बॉलीवुड में लॉन्च करने की कोशिश की गई थी, तब उनकी पहली फिल्म को रिलीज होने में पूरे आठ साल लग गए थे। इस लंबी यात्रा ने उनके करियर को और भी खास बना दिया और उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अदाकारी से धमाल मचाया।
तब्बू का जन्म 4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में हुआ था। उनका असली नाम तबस्सुम फातिमा हाशमी है। तब्बू की परवरिश उनकी मां ने अकेले की थी। जब तब्बू के माता-पिता का तलाक हुआ, तब उनकी उम्र सिर्फ तीन साल थी। उनकी मां स्कूल में टीचर थीं। तब्बू ने शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद में की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई चली गईं।
तब्बू ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की। सिर्फ 10 साल की उम्र में उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। उनकी पहली फिल्म ‘बाजार’ थी, जिसमें उन्होंने एक छोटा सा रोल निभाया। इसके बाद उन्होंने देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान’ में बाल कलाकार के रूप में काम किया। लेकिन असली पहचान उन्हें तेलुगु फिल्म ‘कुली नंबर 1’ से मिली, जिसमें उन्होंने साउथ अभिनेता वेंकटेश के साथ स्क्रीन साझा की।
बॉलीवुड में उनका डेब्यू फिल्म ‘प्रेम’ से होना था, जिसे 1987 में शूटिंग के लिए चुना गया। इस फिल्म में तब्बू के को-स्टार संजय कपूर थे। हालांकि फिल्म को पूरी तरह तैयार होने और थिएटर्स तक पहुंचने में पूरे 8 साल लग गए। ऐसे लंबे समय तक शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ा कमाल नहीं दिखा पाई। लेकिन इस फिल्म ने तब्बू के करियर की नींव रखी और उन्हें आगे आने वाली फिल्मों के लिए तैयार किया।
तब्बू की प्रोफेशनल लाइफ में कई हिट फिल्में शामिल हैं। उन्होंने ‘चांदनी बार’, ‘विरासत’, ‘दे दे प्यार दे’, ‘हम साथ-साथ हैं’, और ‘दृश्यम’ जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। हर फिल्म में उनका किरदार अलग था, और तब्बू हर बार दर्शकों को प्रभावित करने में सफल रही। उनकी अदाकारी को लेकर उन्हें दो बार नेशनल अवार्ड मिल चुका है।
तब्बू ने फिल्मों में आने के बाद भी अपने माता-पिता के नाम या पिता का सरनेम इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने हमेशा अपनी पहचान को खुद बनाना पसंद किया। उनकी बड़ी बहन फराह नाज भी फिल्मों में काम कर चुकी हैं, और शबाना आजमी उनकी बुआ हैं।
तब्बू का अंदाज आज भी उतना ही दमदार है जितना 10 साल की उम्र में था। बॉलीवुड में उनका डेब्यू अगर 8 साल देरी से हुआ, लेकिन उन्होंने हर फिल्म और किरदार में खुद को साबित किया और दर्शकों के दिलों में हमेशा एक खास जगह बनाई।
–आईएएनएस
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