जब जीनत अमान को राज कपूर ने दी अहम सलाह, एक्ट्रेस ने सुनाया 'सत्यम शिवम सुंदरम' का किस्सा

मुंबई, 19 नवंबर (आईएएनएस)। हिंदी सिनेमा के इतिहास में कुछ चेहरे ऐसे रहे हैं, जो केवल खूबसूरती से नहीं, बल्कि अपने अनोखे किरदारों से याद किए जाते हैं। 1970 और 80 के दशक में जब पर्दे पर सुंदरता का मतलब बेदाग चेहरा और पारंपरिक छवि माना जाता था, तब कुछ अभिनेत्रियां इस चलन को तोड़ते हुए नजर आईं।
इनमें स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, रेखा और जीनत अमान जैसे नाम शामिल हैं, जिन्होंने अपनी मजबूत मौजूदगी, चयन और अभिनय से हिंदी फिल्मों को एक नई दिशा दी।
इनमें भी जीनत अमान एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने ग्लैमरस भूमिकाओं के बीच से निकलकर ऐसे किरदार चुने जो उस दौर के लिए असामान्य थे। वह 74वां जन्मदिन मना रही हैं, तो ऐसे में उनके काम को लेकर बात करना स्वाभाविक है। जीनत अमान ने आईएएनएस से एक किस्सा साझा किया, जब उन्हें राज कपूर ने एक अहम सलाह दी थी।
जीनत अमान ने एक ऐसे समय में ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ जैसी फिल्म की, जब फिल्मों में नायिकाओं को खूबसूरत दिखाना मानक बन चुका था। लेकिन, वह इस फिल्म में आधे जले हुए चेहरे के साथ नजर आईं। उन्होंने आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी पसंद बहुत सीधी और व्यक्तिगत थी। वह बस एक ऐसा रोल करना चाहती थीं जो उनकी पहले से बनी ग्लैमरस छवि से अलग हो, और जिसे निभाना उन्हें चुनौतीपूर्ण लगता हो।
उन्होंने कहा, ”लोग आज इस भूमिका में कई तरह के अर्थ खोजते हैं, लेकिन उस समय मैंने इसे इतनी गंभीरता से नहीं सोचा था। यह केवल मेरे लिए एक बड़े फिल्मकार राज कपूर के साथ काम करने का सुंदर मौका था। न कोई गहरा संदेश था, न किसी तरह का सामाजिक संदेश था, मुझे बस यह लगा कि यह किरदार अलग है, और मैं इसे निभाना चाहती हूं।”
उन्होंने आगे कहा, ”उस समय राज कपूर ने सलाह दी थी कि मुझे पूरी झिझक छोड़कर इस किरदार की भावना में उतरना चाहिए। मैंने पूरी ईमानदारी के साथ इस भूमिका को निभाया था।”
–आईएएनएस
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