सैन फ्रांसिस्को, 10 अगस्त (आईएएनएस)। अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने खुलासा किया है कि यूट्यूब की पूर्व सीईओ सुजैन वुशिकी, जिनका फेफड़ों के कैंसर से दो साल तक जूझने के बाद निधन हो गया, 20 साल पहले गूगल इंटरव्यू के दौरान एक बार उन्हें आइसक्रीम खिलाने और कैंपस घुमाने ले गई थीं।
गूगल में शामिल होने के दिनों को याद करते हुए पिचाई ने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें सुज़ैन के साथ इतने साल काम करने का मौका मिला।
पिचाई ने लिखा, “सुजैन अपने मूल्यों और दिन-प्रतिदिन के जीवन में हमेशा दूसरों को प्राथमिकता देती थीं। मैं 20 साल पहले एक संभावित ‘नूगलर’ के रूप में मेरे प्रति उनके व्यवहार को कभी नहीं भूल सकता।”
उन्होंने कहा, “मैं गूगल और सुजैन पर पूरी तरह से फिदा हो गया था। उनकी टीमें उन्हें बहुत प्यार करती थीं। धरती पर उनका जीवन बहुत कम था, लेकिन उन्होंने हर मिनट को पूरा सदुपयोग किया।”
पिचाई ने कहा कि सुजैन जाना “हम सभी के लिए – जो उन्हें जानते और प्यार करते हैं, उन हजारों गूगलर्स के लिए जिनका वर्षों तक उन्होंने नेतृत्व किया और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए जो उनका सम्मान करते थे – अपूरणीय क्षति थी” क्योंकि उन्होंने गूगल, यूट्यूब और अन्य जगहों पर अविश्वसनीय चीजें बनाईं।
सुजैन गूगल के शुरुआती कर्मचारियों में से एक थीं और उन्हें एडसेन्स बनाने के लिए ‘गूगल संस्थापक पुरस्कार’ मिला था, जिसने गूगल के विज्ञापन में बहुत मदद की। यूट्यूब के सीईओ के रूप में उनके कार्यकाल में प्लेटफ़ॉर्म वैश्विक पावरहाउस बना, जिसने लाखों सामग्री निर्माताओं और अरबों दर्शकों को प्रभावित किया।
पिचाई ने कहा कि सुजैन की यात्रा, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन (गूगल संस्थापक) को किराये पर दिए गए गैरेज से लेकर उपभोक्ता उत्पादों में टीमों का नेतृत्व करने और विज्ञापन व्यवसाय बनाने से लेकर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म में से एक यूट्यूब के सीईओ बनने तक, “हर तरह से प्रेरणादायक है”।
लेकिन वह यहीं नहीं रुकीं। शुरुआती गूगलर्स में से एक के रूप में और मातृत्व अवकाश लेने वाली पहली महिला के रूप में सुजैन ने अपने पद का उपयोग सभी के लिए एक बेहतर कार्यस्थल बनाने के लिए किया।
इसके बाद के वर्षों में मातृत्व एवं पितृत्व के बारे में उनकी वकालत ने हर जगह व्यवसायों के लिए एक नया मानक स्थापित किया। सुजैन शिक्षा के प्रति भी बहुत भावुक थीं।
पिछले दो वर्षों में, सुजैन ने अपने परोपकार के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाने के लिए खुद को समर्पित किया, जिसमें उस बीमारी के लिए शोध का समर्थन करना भी शामिल था जिसने अंततः उनकी जान ले ली।
उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि यह उनके लिए बहुत सार्थक था और मुझे बहुत खुशी है कि उसने ऐसा करने के लिए समय निकाला। उन्होंने आगे कहा कि आइए सुजैन की स्मृति का सम्मान करते हुए एक ऐसा गूगल बनाना जारी रखें जिस पर उन्हें गर्व हो।
–आईएएनएस
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