आवारा कुत्तों के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मेनका गांधी क्या कहा?

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। बीजेपी की वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद और प्रसिद्ध एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने आवारा कुत्तों के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में मेनका गांधी ने कहा कि जब जस्टिस पारदीवाला की तरफ से आवारा कुत्तों को हटाने संबंधी फैसला दिया गया था, इसकी पूरे देश में आलोचना हुई थी। सभी ने फैसले पर सवाल उठाए थे। लेकिन, अब जिस तरह का फैसला आवारा कुत्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आया है, वो जस्टिस पारदीवाला से भी ज्यादा हास्यास्पद है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि हमारा ध्येय क्या है? हमारा एकमात्र ध्येय सिर्फ आवारों कुत्तों की संख्या में कमी लाना है, ताकि काटने के मामलों में कमी आए। लेकिन, सवाल यह है कि हमने इस दिशा में अब तक क्या कदम उठाया है? वैज्ञानिक अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि जब हम कुत्तों को एक जगह से उठाकर दूसरे जगहों पर स्थानांतरित करते हैं, तो वो कुत्ते निश्चित तौर पर काटेंगे। 90 फीसदी लोगों को वो कुत्ते काटते हैं, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है। हमें समझना होगा कि आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ से क्या फैसला आया है? कोर्ट ने अपन फैसले में कहा है कि अस्पताल, बस स्टॉप और कॉलेज से कुत्ते हटाए। लेकिन, सवाल यह है कि जब आप इन कुत्तों को हटाएंगे, तो आप इन्हें कहां पर रखेंगे?
भाजपा नेता ने कहा कि जब आप इन कुत्तों को यहां से हटाएंगे, तो निश्चित तौर पर उन्हें सड़क पर रखेंगे, क्योंकि आज भी कुत्तों के लिए कोई आश्रय नहीं है।
उन्होंने कहा कि हास्यास्पद स्थिति यह है कि इस पूरे मामले के संदर्भ में आरा और अररिया जैसे शहरों की बात कर रहे हैं। जब हमारे पास आश्रय नहीं हैं, तो भला उनके पास कहां से आएंगे? लेकिन, जब इन शहरों के स्कूलों और अस्पतालों से कुत्तों को निकाला जाएगा, तो उन्हें कहां रखा जाएगा? निसंदेह ये कुत्ते सड़क पर ही रहेंगे। ऐसी स्थिति में लोग उन्हें डंडों से ही मारेंगे। ये कुत्ते फिर से सड़कों पर ही घूमेंगे। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि कुत्ते सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को काटेंगे। फैसले पर फिर से विचार करना होगा।
–आईएएनएस
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