पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जांच के दौरान अनियमितताओं को पकड़ा


कोलकाता, 29 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने मतदाता सूची की जांच के दौरान अनियमितता की बात कही है। इस संदर्भ में तीन जिलों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को चेतावनी दी गई है।

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने नियमित मतदाता सूची जांच और नमूना सर्वेक्षण के दौरान अनियमितताओं को चिह्नित किया है। इसके परिणामस्वरूप, तीन अलग-अलग जिलों के तीन निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को तलब किया गया है और उन्हें औपचारिक चेतावनी जारी की गई है।

बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिलों के चुनाव अधिकारी (डीईओ) को पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया है कि यह सूचित किया जाता है कि लगातार हो रहे अपडेट के दौरान प्राप्त प्रपत्रों के निपटान की नमूना जांच के दौरान यह पता चला है कि कुछ मामलों में निर्वाचक पंजीकरण अधिनियम, 1960 के प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है।

आगे बताया गया है कि इस दौरान ईआरओ द्वारा 1 प्रतिशत से भी कम प्रपत्र 6 निपटानों की नमूना जांच से पता चला है कि उनमें से दो ने फर्जी मतदाताओं के लिए बड़ी संख्या में प्रपत्र 6 स्वीकार किए थे। इन सभी मामलों में बीएलओ का सत्यापन बिना किसी स्पष्ट तात्कालिकता या आवश्यकता के रद्द कर दिया गया और बड़ी संख्या में आवेदन पत्रों और उनकी सत्यापन रिपोर्ट के लिए समान दस्तावेज प्राप्त कर लिए गए।

पत्र में कहा गया है कि ईआरओ ने स्वीकार किया है कि उन्होंने बीडीओ कार्यालय में एईआरओ/ओसी चुनाव/कैजुअल डाटा एंट्री ऑपरेटरों को ईआरओ नेट तक उपयोगकर्ता पहुंच प्रदान की थी, जिन्होंने उसके बाद प्रपत्र 6 आवेदनों का निपटान किया था। जबकि इन और अन्य मामलों में उचित कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है, जिला निर्वाचन अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित करने और पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए सभी फॉर्म 6 के निपटान की नमूना जांच करने और 14 अगस्त, 2025 तक अंडरसाइन को एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया जाता है।

आगे लिखा है कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि बीडीओ कार्यालय में तैनात ओसी चुनाव और कैजुअल/दैनिक वेतन भोगी संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर फॉर्म 6, 7 और 8 के निपटान या ईआरओएनईएल में किसी भी कार्य और कर्तव्य के निर्वहन में शामिल न हों। इसे अत्यंत आवश्यक माना जा सकता है।

–आईएएनएस

एससीएच/डीकेपी


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