हम भारत को दुनिया की फूड बास्केट बनाएंगे : शिवराज सिंह चौहान


नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश में खाद्यान्न, फल ​​या सब्जियों की कोई कमी नहीं होगी और भारत दुनिया की फूड बास्केट बन जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन – रबी अभियान 2025’ में बोलते हुए चौहान ने कहा कि देश में कृषि 3.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो दुनिया में सबसे अधिक है, और इसका श्रेय हमारे किसानों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों को जाता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य एकजुट हैं और हमारे राष्ट्र, हमारे लोगों और हमारे किसानों के लिए, हम पूरी ताकत से मिलकर काम करते रहेंगे क्योंकि उनका कल्याण सर्वोपरि है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम भाग्यशाली हैं कि हमें भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने की जिम्मेदारी मिली है। हम साधारण लोग नहीं हैं। हम वो लोग हैं जो देश की आधी आबादी का भाग्य गढ़ते हैं। हमें पूरी लगन से काम करना होगा। हमारी असली चिंता किसान और उनका उत्थान है।”

चौहान ने आगे कहा कि अब केवल सभी मानकों और मानदंडों को पूरा करने वाले बायो-स्टिमुलैंट्स (पौधों की वृद्धि बढ़ाने वाले) ही बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।

मंत्री ने कहा, “हम किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। कृषि विस्तार कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार के साथ मिलकर सभी राज्य कृषि विभागों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और सभी संबंधित संगठनों को ठोस कार्यक्रम और रणनीति तैयार करनी चाहिए और जमीनी स्तर पर तेजी से काम करना चाहिए। अधिकारियों को अपने काम में मूल्यवर्धन करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि मौसम का अब पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाया जाना चाहिए और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

चौहान ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके। अक्टूबर में केंद्र और राज्यों की संयुक्त भागीदारी से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ फिर से चलाया जाएगा। अब कृषि अनुसंधान को केवल शोधपत्र प्रकाशित करने पर नहीं, बल्कि किसानों की समस्याओं के समाधान पर केंद्रित होना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में, पूरे प्रशासन को राहत पहुंचाने के लिए तेजी से काम करना चाहिए।”

–आईएएनएस

एबीएस/


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