जम्मू-कश्मीर के आईआईआईएम परिसर में जलभराव, करीब 42 लोग रेस्क्यू


जम्मू-कश्मीर, 24 अगस्‍त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश और खराब मौसम से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। जम्मू-कश्मीर के आईआईआईएम परिसर में रविवार देर रात भारी जलभराव के कारण चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई। क्वार्टर में रहने वाले करीब 90 बच्चों को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला।

बच्चों ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि लगभग 3:30 बजे बारिश शुरू हुई, जिसके बाद उन्होंने तुरंत अपने एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय सिक्योरिटी गार्ड अलर्ट हो गए और नाव के माध्यम से सभी बच्चों को बाहर निकाला गया।

एसडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही तीन टीमें मौके पर भेजी गईं और सभी बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओ विक्रम सिंह ने कहा कि पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। सभी बच्चे सुरक्षित हैं।

एसएचओ विक्रम सिंह ने कहा कि रविवार सुबह से, जब हमें पता चला कि यहां भारी बारिश हुई है, और बाद में नहर का पानी भी ओवरफ्लो हो गया, तो इस क्षेत्र में जलस्तर काफी बढ़ गया। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम और जम्मू-कश्मीर पुलिस मौके पर पहुंच गई। सिविल डिफेंस के जवान भी पहुंच गए।

एसडीआरएफ अधिकारी पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि यहां तीन टीमें तैनात थीं। बच्चों सहित लगभग 40 से 42 लोगों को बचाया गया है। एक और नाव अभी अन्य लोगों को लाने के लिए गई है। मैं सुबह से लगातार काम कर रहा हूं। यह बादल फटने की घटना नहीं है, बल्कि भारी बारिश है। पानी का निकास न होने की वजह से जलभराव हुआ।

छात्रा प्राची ने बताया कि सुबह करीब छह बजे मेरे कमरे में घुटनों तक पानी भर गया। रात दो बजे तक बारिश नहीं हो रही थी। कमरे के सारे सामान पानी के ऊपर तैर रहे थे। पानी का स्‍तर लगातार बढ़ता जा रहा था।

छात्र कौशिक ने बताया कि रात में 3:30 बजे बारिश शुरू हुई थी। इस बारिश से कमरे में घुटने तक पानी भर गया और लगातार बढ़ता जा रहा था।

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि सुबह के करीब 6 बजे थे। हम अंदर सो रहे थे। मैंने अपने बेटे से कहा कि बहुत तेज बारिश हो रही है, बाहर जाकर पानी का स्तर देख लो। उसने कहा कि नहीं मां, कुछ नहीं, तुम वापस सो जाओ। लेकिन मैं खुद उठकर बाहर गई। मैंने देखा कि हमारी बाहर खड़ी कार आधी पानी में डूब चुकी थी।

–आईएएनएस

एएसएच/एबीएम


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