नितेश राणे के सभी मदरसों की जांच वाले बयान पर वारिस पठान ने ध्रुवीकरण का लगाया आरोप


मुंबई, 12 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नितेश राणे के महाराष्ट्र के सभी मदरसों की जांच कराने की मांग पर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रवक्ता वारिस पठान ने बुधवार को नितेश राणे पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया।

वारिस पठान ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “नितेश राणे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। हर दिन वह मुसलमानों के लिए उल्टा बोलते हैं। सरकार ने उन्हें इस बात के लिए रिवॉर्ड भी दिया है और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। लेकिन अब तो उन्हें सुधार जाना चाहिए। नितेश राणे ध्रुवीकरण क्यों फैलाना चाहते हैं? उनके ऊपर न जाने कितने मामले दर्ज हैं? फिर भी उन्हें क्यों गिरफ्तार नहीं किया जाता है? नितेश राणे को मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं महाराष्ट्र सरकार से कहना चाहूंगा कि उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए। साल 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई है, तब से उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। उन्हें हमारे खाने-पीने और पहनावे तक से नफरत है।”

‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में फेमस यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की अश्लील टिप्पणी के मामले पर उन्होंने कहा, “किसी भी सभ्य समाज में इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डार्क ह्यूमर के नाम पर आप लोगों को क्या बता रहे हैं? पॉडकास्ट के नाम पर सस्ती लोकप्रियता और ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में आप देश के नौजवानों का टेस्ट खराब कर रहे हैं। आप बच्चों से कह रहे हैं कि उनके मां-बाप क्या कर रहे हैं, यह जाकर देखें। दूसरी तरफ, लड़की भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रही है। अगर उन्हें नंगेपन का इतना शौक है तो बीच चौराहे पर खड़ा कर चप्पल से मारना चाहिए। रणवीर ने सिर्फ ट्विटर (एक्स) पर माफी मांगी है, जबकि इंस्टाग्राम पर उनके ज्यादा फॉलोअर्स हैं। अगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है तो उन्हें जांच में सहयोग भी करना चाहिए। ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवॉर्ड देते हैं। उनसे अवॉर्ड वापस लिया जाना चाहिए।”

अभिनेता से नेता बने साउथ सुपरस्टार चिरंजीवी के बेटे रामचरण की ‘संतान गलती से एक लड़की न हो जाए’ वाले बयान पर वारिस पठान ने कहा, “चिरंजीवी एक बहुत बड़े कलाकार हैं। देश और विदेश में उन्हें पसंद करने वाले बहुत लोग हैं। उन्होंने यह बात किस परिपेक्ष्य में कही है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। लेकिन मैं तो यही कहता हूं कि बेटा हो या बेटी,दोनों एक समान हैं। हमारे हिंदू भाई तो कहते भी हैं कि बेटी लक्ष्मी का रूप होती है। मेरे लिए बेटी हो या बेटा, दोनों आंखों के तारे हैं।”

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे


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