बिहार में मतदाता सत्यापन अभियान : उपेंद्र कुशवाहा ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा – 'राजनीतिक लाभ के लिए भ्रम न फैलाएं'

पटना, 28 जून (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा से पहले चुनाव आयोग घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन पर विचार कर रहा है। इस पर सियासत तेज हो गई है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि विपक्षी पार्टियां लोगों को भ्रमित कर चुनाव में लाभ लेना चाहती हैं। राजनीतिक लाभ के लिए आपत्ति दर्ज नहीं करनी चाहिए।
उपेंद्र कुशवाहा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि विपक्षी पार्टियां सरकार पर आरोप लगाकर लोगों को भ्रमित कर चुनाव में लाभ लेना चाहती हैं। चुनाव आयोग सत्यापन करता रहा है। बहुत लोग ऐसे हैं जो माइग्रेट कर गए हैं और उनका नाम लिस्ट में चल रहा है। कई फर्जी मतदाता भी हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए चुनाव आयोग हर घर जाकर मतदाता का सत्यापन करेगा और उन लोगों का नाम लिस्ट से कट जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान से कहीं कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। चुनाव आयोग के इस अभियान में सहयोग करना चाहिए, राजनीतिक लाभ के लिए आपत्ति दर्ज नहीं करनी चाहिए।
सत्यापन अभियान पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी के “पीछे के दरवाजे से एनआरसी लाने की कोशिश” वाले बयान पर उन्होंने कहा कि सत्यापन अभियान को एनआरसी से जोड़कर इसकी व्याख्या नहीं करनी चाहिए। एनआरसी अलग चीज है और वोटर लिस्ट का सत्यापन अलग।
आयुष्मान कार्ड का जिक्र करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा आम लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड लॉन्च किया गया है। इसके तहत उन परिवारों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलता है जो स्वास्थ्य सेवा का खर्च वहन नहीं कर सकते। सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हों। इसके लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह एक बहुत अच्छी पहल है और लोगों को भी खुद इसका लाभ उठाना चाहिए। इसके लिए अधिक से अधिक जागरूकता लानी चाहिए।”
पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटने पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि निश्चित तौर पर बिहार सरकार लोगों को रोजगार और नौकरी दे रही है। अलग-अलग विभागों में निरंतर यह काम हो रहा है। मुख्यमंत्री का यह कदम स्वागत योग्य है, लोगों को लाभ मिल रहा है।
पूर्व मंत्री ने पश्चिम बंगाल में लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ दुष्कर्म को आपत्तिजनक बताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पश्चिम बंगाल की सरकार को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।
–आईएएनएस
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