मध्य प्रदेश : जिंदगी की जंग हारकर भी जीत गए विश्वपुरा, कई लोगों को दिया 'जीवनदान'
जबलपुर, 7 मार्च (आईएएनएस)। कहते हैं – “अंगदान महादान है”। यदि कोई व्यक्ति अपना एक अंग दान करता है, तो वह एक व्यक्ति को जीवनदान दे सकता है। मध्य प्रदेश के भेड़ाघाट के रहने वाले विश्वपुरा (52) ने एक से ज्यादा अंग दान कर कई लोगों की जिंदगी बचाने का काम किया है।
विश्वपुरा 5 मार्च को सड़क पर गिरने से घायल हो गए थे। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।
विश्वपुरा जिंदगी की जंग हार गए, लेकिन उन्होंने और उनके परिवार ने एक ऐसा साहस भरा फैसला लिया, जिससे कई लोगों की अंधेरे से भरी जिंदगी रौशन हो गई।
परिवारजनों ने विश्वपुरा की दोनों किडनी, स्किन, और नेत्र दान करने का फैसला किया। डॉक्टरों ने परिजनों के इस कदम को सराहा। पहले विश्वपुरा का लीवर भी डोनेट करने का फैसला किया गया था, लेकिन किसी कारणवश ऐसा नहीं किया जा सका।
जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि डॉक्टरों की तरफ से परिजनों को ऐसा करने के लिए सलाह दी गई थी जिसके बाद परिजन अंग दान के लिए तैयार हो गए। इस अंगदान से किसी को नई जिंदगी मिलेगी। किसी अंधेरे भरी जिंदगी में रोशनी आएगी।
उन्होंने बताया कि दो किडनी निकाली जा रही हैं, जिसमें से एक किडनी मुंबई ट्रांसफर हो रही है, जहां नीरज सिंह (56) भर्ती हैं, उन्हें ट्रांसप्लांट होगी और एक किडनी जबलपुर के मेट्रो अस्पताल में एक मरीज को ट्रांसप्लांट होगी।
डॉ. मिश्रा बताते हैं कि पहले स्किन भी डोनेट की जाएगी, जो बर्न यूनिट में काम आएगी। यह एक बहुत बड़ा काम किया जा रहा है। एयर एंबुलेंस से डॉक्टर आए हुए हैं, जो इस ऑर्गन को लेकर जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ शव को घर के लिए रवाना किया जाएगा, जहां प्रशासन की मौजूदगी में उनकी अंत्योष्टि की जाएगी।
–आईएएनएस
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