'आपातकाल: लोकतंत्र का काला अध्याय', विजय सिन्हा ने याद किया 1975 का दौर


पटना, 24 जून (आईएएनएस)। देश पर 1975 में थोपे गए आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर मंगलवार को पटना विधानसभा सभागार में ‘आपातकाल: लोकतंत्र का काला अध्याय’ विषय पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आपातकाल की विभीषिका को याद करते हुए उसे भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात बताया।

कार्यक्रम के बाद समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आपातकाल के समय हम छोटे बच्चे थे, लेकिन परिवार और समाज के माहौल में जो देखा, उसे कभी भूल नहीं सकते। किस तरह से लोकतंत्र की हत्या की गई, लोगों की आवाजें दबा दी गई, कानून की धज्जियां उड़ाई गई और तानाशाही थोप दी गई। उस दौर में छोटे-छोटे बच्चे भी सड़कों पर निकल कर नारे लगाते थे। यही उस समय का जनमानस था।

उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आज वही कांग्रेस, जो आपातकाल की दोषी रही है, आज फिर से सत्ता में आने के लिए जयप्रकाश नारायण के शिष्यों को अपना बना रही है और भ्रष्टाचारियों के नायक के रूप में उभर रही है। कांग्रेस और राजद जैसे दलों ने बिहार को जंगलराज से गुंडाराज में तब्दील कर दिया। यही लोग आज चेहरा बदल-बदल कर अलग-अलग दलों में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन इनका ‘नेचर’ और ‘सिग्नेचर’ नहीं बदलता।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटने वाले, बिहार को कलंकित करने वाले और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले लोगों से बिहार की जनता और देशवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों को सजग करें कि कैसे लोकतंत्र की हत्या की गई थी। आपातकाल सिर्फ एक दौर नहीं था, बल्कि यह हमारे संवैधानिक मूल्यों पर किया गया सुनियोजित हमला था।

–आईएएनएस

पीएसके/एबीएम


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