वनटांगिया तिनकोनिया बना उत्तर प्रदेश का पहला ‘जल अर्पण गांव’, पानी की कमान अब गांव के हाथ


गोरखपुर, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के हर ग्रामीण घर तक नल से शुद्ध जल पहुंचाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए गोरखपुर का वनटांगिया गांव तिनकोनिया-3 ‘जल अर्पण गांव’ बन गया। इसके साथ ही यह देश का दूसरा ऐसा गांव है, जहां जलापूर्ति व्यवस्था का संचालन और निगरानी ग्राम पंचायत के नेतृत्व में ग्रामीण स्वयं करेंगे।

सांसद रवि किशन ने शुक्रवार को ग्राम प्रधान और ग्रामीणों को जल कलश सौंपकर ‘जल अर्पण’ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद रवि किशन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल की सौगात मिली है। उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि पानी हर जरूरतमंद तक पहुंचे और एक-एक बूंद का सदुपयोग हो यही हर ग्रामवासी की जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर सांसद ने शिव धुन भी सुनाई। सांसद रवि किशन ने अधिकारियों के साथ गांव के नल कनेक्शनों का निरीक्षण किया और नल से पानी पीकर गुणवत्ता जांची। वे टंकी पर चढ़े और जल संरक्षण का संदेश देते हुए टंकी पर राखी भी बांधी। बच्चों की प्रभात फेरी, जल संरक्षण का संकल्प कार्यक्रम से पहले स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकालकर जल संरक्षण और स्वच्छता का संदेश दिया। बच्चों ने नल कनेक्शनों पर राखी बांधकर ‘जल बंधन’ कार्यक्रम किया और ग्रामीणों संग जल संकल्प लिया।

कार्यक्रम में ग्राम प्रधान इंदूलता, मुखिया राम गणेश, पंप ऑपरेटर गुड्डू निषाद, एफटीके सदस्य ज्योति और जल मित्र निहाल को सम्मानित किया गया। 10 साल तक मेंटिनेंस की जिम्मेदारी योजना के तहत कार्यदायी एजेंसी अगले 10 वर्षों तक संचालन, रखरखाव और गुणवत्ता की सतत निगरानी करेगी, ताकि ग्रामीणों को बिना बाधा मानक के अनुरूप नल से शुद्ध जल मिलता रहे।

योगी सरकार की प्राथमिकता में शामिल वनटांगिया गांव से शुरू हुआ यह मॉडल पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह पहल वनटांगिया समुदाय की बेहतरी के लिए सरकार के सतत प्रयासों का उदाहरण है। प्रदेश के 51,000 राजस्व गांवों में 100 फीसदी जलापूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। अब तक 26,531 गांव ‘हर घर जल’ से प्रमाणित हो चुके हैं। गोरखपुर जिले में 5,55,478 परिवारों को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

–आईएएनएस

विकेटी/एएसएच


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