भारतीय ईएसडीएम इंडस्ट्री का मूल्य वित्त वर्ष 2028 तक 9 लाख करोड़ रुपये के होगा पार : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) इंडस्ट्री, जिसका मूल्य वित्त वर्ष 2023 में लगभग 2.09 लाख करोड़ रुपये था, वित्त वर्ष 28 तक 9.09 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ईएसडीएम इंडस्ट्री 5 वर्षों में 34 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से आगे बढ़ेगी।

पीएल कैपिटल ग्रुप – प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के अनुसार, ओईएम द्वारा विशेष ईएसडीएम प्रोवाइडर्स को मैन्युफैक्चरिंग की आउटसोर्सिंग में वृद्धि, इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती मांग, एक बड़ा घरेलू बाजार, ‘चीन +1’ रणनीति और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और सेमीकंडक्टर विकास में निवेश जैसी विभिन्न सरकारी पहल इस विकास के कारक होंगे।

रिसर्स एनालिस्ट प्रवीण सहाय ने कहा, “वित्त वर्ष 2023 में ईएसडीएम सेक्टर का योग्य बाजार 4.39 लाख करोड़ रुपये का था, जिसमें ओईएम धीरे-धीरे ईएसडीएम भागीदारों पर निर्भरता बढ़ा रहे हैं।”

इसके अतिरिक्त, घरेलू मुद्रित सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) बाजार में 41.6 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज होने और वित्त वर्ष 2026 तक 6.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2023 में 2.31 लाख करोड़ रुपये था।

सहाय ने विकास के कारकों का भी जिक्र किया। उन्होंने विश्व स्तर पर हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स की बढ़ती मांग, मूल्य संवर्द्धन, हाई स्पीड असेंबली जैसे कारक अहम हैं।

इस अवसर का लाभ उठाने के लिए, भारत कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को प्रोत्साहित कर रहा है और अपनी विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार कर रहा है, जिससे पीसीबीए निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका बढ़ेगी और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के रूप में इसकी स्थिति मजबूत होगी।

ब्रोकरेज ने चार घरेलू ईएसडीएम कंपनियों एवलॉन टेक्नोलॉजीज, साइएंट, केनेस टेक्नोलॉजी और सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कवरेज शुरू किया है।

सभी चार कंपनियां विकास के लिए अच्छी स्थिति में हैं, जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में मजबूत ऑर्डर बुक और रणनीतिक विस्तार योजनाओं का समर्थन प्राप्त है।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर


Show More
Back to top button