वडोदरा, 27 जनवरी (आईएएनएस)। वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने विश्वामित्री नदी को गहरा और चौड़ा करने के लिए एक परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य बाढ़ रोकथाम उपायों को बेहतर बनाना है। हालांकि, इस परियोजना के शुरू होने के बाद नदी में कई मगरमच्छों के शव पाए गए, जिससे वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील और संरक्षणवादी लोगों में चिंता और आक्रोश फैल गया है।
मगरमच्छों की मौत के कारणों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इनमें आवास में व्यवधान और जल संदूषण जैसे संभावित कारण शामिल हैं। इस स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने 150 मगरमच्छों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है, ताकि इनकी आबादी को नुकसान से बचाया जा सके और संकटपूर्ण स्थिति से निपटा जा सके।
वडोदरा को “मगरमच्छों का शहर” कहा जाता है, और यह मगरमच्छों (क्रोकोडाइलस पलुस्ट्रिस) का घर है। विश्वामित्री नदी, जो वडोदरा शहर से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है, इन सरीसृपों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है। साल 2021 तक नदी में मगरमच्छों की संख्या 300 से अधिक थी, और जिले में कुल मिलाकर 1,000 से अधिक मगरमच्छ पाए गए थे, जो पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अधिक है।
हाल ही में, जुलाई 2024 में, वन अधिकारियों और वन्यजीव स्वयंसेवकों ने वडोदरा के शहरी क्षेत्रों से 21 मगरमच्छों को सुरक्षित किया। यह कदम इस बात को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है कि नदी के साथ निर्माण गतिविधियों के दौरान मानव-मगरमच्छ संघर्ष हो सकता है। इसलिए, मगरमच्छों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना उनके और इंसानों दोनों के लिए जोखिम कम करने के उद्देश्य से जरूरी था।
अधिकारियों के अनुसार, इस स्थानांतरण प्रक्रिया में वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम शामिल होगी। वीएमसी की स्थायी समिति की अध्यक्ष शीतल मिस्त्री ने कहा, “प्राथमिक उद्देश्य इन मगरमच्छों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रिय घटना से बचना है।”
मगरमच्छों को कामती बाग और सफारी गार्डन जैसे सुरक्षित स्थानों पर विशेष रूप से डिजाइन किए गए बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा, जिनमें पानी की सुविधाएं होंगी। इसके लिए आवश्यक पिंजरों की व्यवस्था पहले ही कर ली गई है। यह स्थानांतरण 15 फरवरी 2025 से शुरू होने की उम्मीद है और जून 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
–आईएएनएस
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