उत्तराखंड : सीएम धामी पहुंचे आपदा परिचालन केंद्र, अधिकारियों संग बैठक में दिए राहत के सख्त निर्देश

देहरादून, 16 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड के देहरादून में सोमवार रात सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तमसा नदी उफान पर आ गई, जिससे टपकेश्वर महादेव मंदिर जलमग्न हो गया। रावी, ब्यास और सतलुज जैसी नदियों के जलस्तर में वृद्धि से कई लोग बह गए। इस आपदा की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार देर रात्रि राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और राहत बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। सीएम धामी ने कहा, “अतिवृष्टि से प्रभावित हर व्यक्ति को तत्काल सहायता पहुंचाई जाए। लापता लोगों की तलाश युद्ध स्तर पर जारी रखें। सरकार इस विपदा में पीड़ित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत सामग्री पहुंचाई जाए। मौसम पूर्वानुमान को मजबूत बनाने और संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी रखने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने पेयजल विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में जल आपूर्ति बहाल करने और गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए। राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और बिजली सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने आपदा प्रबंधन में साहसिक कार्य करने वाले नागरिकों को सम्मानित करने का भी ऐलान किया। सीएम धामी ने एसडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम कर्मियों की सराहना की, जिन्होंने रिशिकेश में चंद्रभागा नदी से तीन लोगों को बचाया और पौंडा में 200 छात्रों को सुरक्षित निकाला।
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि सहस्त्रधारा में 264 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो ‘बहुत भारी’ श्रेणी में है। आईटी पार्क और टपोवन में घर डूब गए, जबकि मालदेवता में पुल बह गया। मूसूरी में एक मौत की पुष्टि हुई। सीएम ने कहा, “प्राकृतिक आपदा में हम सब एक हैं। केंद्र सरकार भी हर संभव मदद करेगी।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही पीड़ितों के लिए 2 लाख रुपए मुआवजा घोषित कर दिया है।
–आईएएनएस
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