टेक्सटाइल में चीन सहित दूसरे देशों को मात देगा उत्तर प्रदेश

टेक्सटाइल में चीन सहित दूसरे देशों को मात देगा उत्तर प्रदेश

लखनऊ, 5 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के प्रयासों में एमएसएमई सेक्टर मजबूत साझेदारी निभा रहा है। सीएम योगी के विजन के अनुरूप प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने के लिए 11 नए निजी टेक्सटाइल पार्क गोरखपुर, मऊ, भदोही, अलीगढ़, बागपत और शामली आदि जिलों में बनाए जाएंगे। इससे चीन सहित अन्य देशों या दूसरे प्रदेशों से यूपी को रॉ-मटेरियल आदि नहीं मंगाने पड़ेंगे।

प्रदेश में पहली बार एमएसएमई विभाग की ओर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेक्सटाइल सेक्टर को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। इसी के तहत शामली जिले में 726 करोड़ की लागत से प्रदेश का पहला निजी टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा। इससे दूसरे देशों या प्रदेशों से रॉ-मटेरियल नहीं मंगाना पड़ेगा, स्किल डेवलपमेंट से लेकर विभिन्न सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी।

प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में 11 निजी टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से रॉ-मटेरियल से लेकर विभिन्न वस्त्र आदि बनाए जाएंगे। इससे किसी अन्य प्रदेश या चीन आदि देशों से रॉ-मटेरियल मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके अलावा लखनऊ में सरकार की ओर से एक हजार एकड़ भूमि में पीएम मित्र पार्क की भी स्थापना की जा रही है।

उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गारमेंटिंग नीति-2022 के तहत प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग आलोक कुमार की अध्यक्षता में शासकीय स्वीकृति समिति की बैठक में निजी टेक्सटाइल पार्क के विकास के लिए आयनेक्स टेक्सटाइल पार्क प्राइवेट लिमिटेड सैद्धान्तिक (एलओसी) स्वीकृति दी गई। पार्क के निवेशकर्ता द्वारा करीब 126.61 करोड़ रुपये की लागत से आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

पार्क अगले साल दिसंबर तक क्रियाशील होगा, जिसमें 600 करोड़ रुपये का निवेश और 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। प्रस्तावित पार्क शामली के कैराना तहसील के गांव झिंझाना में 26.75 एकड़ भूमि पर बनेगा, जिसमें वीविंग, डाइंग, प्रिंटिंग और गारमेंट की इकाइयों सहित कुल 17 इकाइयां लगेंगी।

पार्क में प्रशासनिक भवन, बैंक/एटीएम, प्रशिक्षण एवं परीक्षण केंद्र, विश्राम गृह, कैंटीन, फर्स्ट एड सेंटर जैसी सामान्य सुविधाओं के साथ-साथ डामर सड़क नेटवर्क (स्ट्रीट लाइटिंग के साथ), जल आपूर्ति प्रणाली, सीवरेज सिस्टम, वर्षा जल निकासी प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज, संयुक्त अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सीईटीपी) बॉयलर, जल और भाप वितरण प्रणाली, विद्युत वितरण प्रणाली एवं वेट ब्रिज जैसी सामान्य बुनियादी सुविधाएं भी होंगी।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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