अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट कर सकता है ट्रंप के भाग्य का फैसला, जो अस्थिर राज्यों के मतदाताओं पर डालेगा असर


वाशिंगटन, 2 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाग्य पर मुहर लगा सकता है, अगर कोलोराडो और मेन के बाद अधिक डेमोक्रेट-नियंत्रित राज्यों द्वारा बनाए जाने वाले बैलट में उनके बने रहने का फैसला किया जाता है। आखिरकार उन्हें आठ अस्थिर राज्यों और निर्वाचक मंडल के वोट के साथ आगे बढ़ने की जरूरत होगी।

प्रतिष्ठित राजनीतिक पत्रकार, लेखक और सार्वजनिक वक्ता डेविड मार्क कहते हैं कि 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, न्यू हैम्पशायर, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन जैसे कुछ प्रमुख स्विंग राज्यों के साथ-साथ व्यक्तिगत सदन में राष्ट्रपति की प्राथमिकताओं के आधार पर मेन और नेब्रास्का में एकल निर्वाचक मंडल के वोटों की कमी होने की संभावना है।

डेविड मार्क “गोइंग डर्टी : द आर्ट ऑफ़ नेगेटिव कैंपेनिंग” के लेखक और “डॉग व्हिसल्स, वॉक-बैक्स और वाशिंगटन हैंडशेक: डिकोडिंग द जार्गन स्लैंग एंड ब्लस्टर ऑफ़ अमेरिकन पॉलिटिकल स्पीच” के सह-लेखक हैं।

मार्क ने सीएनएन पर व्हाइट हाउस के लिए ट्रंप के अभियान का विश्‍लेषण करते हुए लिखा, यदि राज्य के चुनाव अधिकारी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को अपने मतपत्रों पर दर्ज होने से रोकते हैं – पहली बार सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद, तो उनके लिए जीतना व्यावहारिक रूप से गणितीय रूप से असंभव हो सकता है।

हाल के चुनावों, मतदाता पंजीकरण रुझानों और अन्य कारकों के आधार पर, यह मान लेना उचित है कि 2024 के विजेता का फैसला पूरी तरह से मतदाताओं द्वारा किया जाएगा, न कि अदालतों द्वारा।

नया साल अभी शुरू हुआ है और नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने में 10 महीने बाकी हैं और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक परिदृश्य में बहुत कुछ बदल सकता है।

–आईएएनएस

एसजीके


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