भारत के साथ व्यापार वार्ता पर बोले अमेरिकी वित्त मंत्री, 'हम साथ आएंगे'

वाशिंगटन, 27 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार को भारत के साथ संभावित व्यापार समझौते पर आशा व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देश एक साथ आएंगे।
फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, बेसेंट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्यक्तिगत संबंधों पर प्रकाश डाला और कहा कि दोनों नेताओं के बीच ‘बहुत अच्छे संबंध’ हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मुझे लगता है कि अंततः हम एक साथ आएंगे।”
ट्रंप प्रशासन ने बुधवार से भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया।
बेसेंट ने यह भी स्वीकार किया कि भारत उन कुछ देशों में से एक था, जिन्होंने ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में वाशिंगटन के साथ व्यापार वार्ता शुरू की थी।
उन्होंने फॉक्स न्यूज को बताया, “स्वतंत्रता दिवस के तुरंत बाद भारत टैरिफ पर बातचीत शुरू करने के लिए आगे आया, और अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। मुझे लगा था कि मई और जून में कोई समझौता हो जाएगा। मुझे लगा था कि भारत पहले हुए समझौतों में से एक हो सकता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर अपनी बात पर अड़े रहे हैं और भारत के किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों को खतरे में डालने वाले किसी भी समझौते से इनकार किया है। भारत ने अमेरिकी टैरिफ को ‘अनुचित’ करार दिया है।
बेसेंट ने एक बार फिर भारत पर रूसी तेल खरीदकर ‘मुनाफाखोरी’ करने का आरोप लगाया है। यह आरोप ट्रंप प्रशासन की ओर से बार-बार लगाया जा रहा है।
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने पिछले हफ्ते इस पर पलटवार करते हुए कहा था, “अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें।”
भारत द्वारा ब्रिक्स देशों के साथ भारतीय रुपए में व्यापार करने के सवाल पर, बेसेंट ने इस संभावना को यह कहते हुए टाल दिया कि उन्हें ‘रुपए के रिजर्व करेंसी बनने’ की चिंता नहीं है।
पिछले महीने, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता ने ब्रिक्स सदस्यों द्वारा ‘डी-डॉलरीकरण’ के किसी भी प्रयास से इनकार किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जुलाई में स्पष्ट किया था, “डी-डॉलरीकरण एजेंडे में नहीं है।”
–आईएएनएस
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