ओडिशा विधानसभा में उर्वरक संकट को लेकर तीसरे दिन भी हंगामा, कार्यवाही 4 बजे तक स्थगित

भुवनेश्वर, 20 सितंबर (आईएएनएस)। ओडिशा विधानसभा में शनिवार को मानसून सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा जारी रहा। विपक्षी बीजद (बीजू जनता दल) के सदस्यों ने राज्य में उर्वरकों की कमी और उनकी ‘कालाबाजारी’ के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूर्व बिरमित्रपुर विधायक जॉर्ज तिर्की के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव का समर्थन उपनेता प्रतिपक्ष प्रसन्ना आचार्य और कांग्रेस विधायक दल के नेता राम चंद्र कदम ने किया।
लेकिन, जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, बीजद के सदस्य हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर वेल में घुस गए और स्पीकर सुरमा पाधी के मंच के पास नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने विपक्ष के सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस लौटने और सदन को सुचारू रूप से कार्य करने देने का अनुरोध किया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। लगातार हो रहे हंगामे के कारण कार्यवाही को 4 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
बीजद का आरोप है कि राज्य सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने में विफल रही है, जिसके कारण किसानों को खुले बाजार से बहुत अधिक कीमत पर उर्वरक खरीदना पड़ रहा है। पार्टी ने ओडिशा में उर्वरक की ‘कालाबाजारी’ के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और सदन की सभी नियमित कार्यवाही को स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की।
इसी बीच, भाजपा नेता इरासिस आचार्य ने शनिवार को कहा कि विपक्षी बीजेडी और कांग्रेस ओडिशा के विकास के प्रति चिंतित नहीं हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि विपक्षी नेता इस मुद्दे पर बहस से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनका सच सबके सामने आ जाएगा।
आचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो किसानों के साथ खड़ी है और उनके लिए काम करती है।
आपको बताते चलें, मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण स्थगित करनी पड़ी थी। बीजद सदस्यों ने कथित उर्वरक की कमी और उसकी कालाबाजारी के मुद्दे पर हंगामा किया था।
–आईएएनएस
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