तेजस्वी यादव के वक्फ कानून वाले बयान पर बवाल, एमआरएम ने बताया वोट बैंक की राजनीति


नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के विवादास्पद बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। सीमांचल की एक रैली में वक्फ संशोधन एक्ट को ‘कूड़ेदान में फेंकने’ की बात कहकर तेजस्वी ने मुस्लिम समुदाय के बीच आक्रोश पैदा कर दिया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और इसे गरीब मुसलमानों, विधवाओं व अनाथों के अधिकारों का शोषण बताया है।

एमआरएम ने इसे ‘धर्मनिरपेक्ष पाखंड’ करार देते हुए कहा कि तेजस्वी वोट बैंक की राजनीति के लिए समुदाय के उत्थान में बाधा डाल रहे हैं। एमआरएम की राष्ट्रीय संयोजक और महिला विंग की प्रमुख डॉ. शालिनी अली ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, “तेजस्वी यादव का बयान विधवाओं, अनाथों और बेसहारा लोगों के साथ खुला धोखा है। वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकना गरीब मुसलमानों के अधिकारों पर सीधा हमला है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अधिनियम दशकों से चली आ रही वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार और लूट को रोकने के लिए लाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता लाना है, ताकि आय का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, विधवा कल्याण और रोजगार सृजन में हो। डॉ. अली ने सवाल उठाया कि अगर तेजस्वी को मुसलमानों की भलाई की चिंता है, तो वे इस सुधार का विरोध क्यों कर रहे हैं? यह उनकी मानसिकता को उजागर करता है – वक्फ को वे विकास का साधन नहीं, बल्कि वोट बैंक मशीन मानते हैं।

26 अक्टूबर को सीमांचल की रैली में तेजस्वी का यह बयान आया, जब उन्होंने वक्फ कानून को ‘मुस्लिम विरोधी’ बताते हुए कूड़ेदान में फेंकने की बात कही। एमआरएम ने इसे मुस्लिम हितों पर हमला माना और कहा कि राजद जैसी पार्टियां समुदाय को सशक्त बनाने के बजाय वोटों के लिए शोषण करती हैं।

डॉ. अली ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “वोट बैंक की राजनीति के लिए मानवता की बलि दी जा रही है। वक्फ कानून एक सामाजिक क्रांति है, जो संपत्तियों का डिजिटलीकरण, तृतीय-पक्ष ऑडिट और सार्वजनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। इससे मस्जिदें, मदरसे और अनाथालय मजबूत होंगे, लेकिन तेजस्वी जैसे नेता नहीं चाहते कि मुसलमान आत्मनिर्भर बनें।”

एमआरएम ने अपने बयान में वक्फ को “पवित्र ट्रस्ट” बताया, जो राजनीतिक संपत्ति नहीं है। डॉ. अली ने कहा, “यह अधिनियम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ दृष्टिकोण को साकार करता है। तेजस्वी को जमीनी हकीकत देखनी चाहिए – भ्रष्टाचार ने वक्फ संपत्तियों को बर्बाद कर दिया है। अगर उन्हें मुसलमानों की चिंता है, तो वे कानून को मजबूत करने की मांग करें।”

–आईएएनएस

एससीएच/डीकेपी


Show More
Back to top button