कानपुर के नवाबगंज इलाके में दो मई से लापता युवक शव गंगा में उतराता मिला। हत्यारों ने उसके हाथ पांव बांधकर उसे जाल में लपेटने के बाद रस्सी से पत्थर बांधकर नदी में फेंक दिया था। परिजनों ने मृतक की पहचान करने के बाद क्षेत्र के कुछ लोगों पर हत्या का शक जताते हुए तहरीर दी है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। नवाबगंज के शिवदीन पुरवा कटरी नवाबगंज निवासी सुरेंद्र कुमार निषाद (25) खेती व मजदूरी करता था। परिवार में मां लक्ष्मी, भाई संजू, संजीव, सुरेंद्र, नरेंद्र, सोनू और रवि है। भाई सुनील ने बताया कि दो मई को सुरेंद्र कटरी जाने के लिए कहकर निकला था।
रास्ते में उसकी मुलाकात दोस्त जितेंद्र से हुई। इसके बाद वह दूसरे दोस्त कन्हई का फोन आने पर चला गया लेकिन इसके बाद से उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। सुबह तक घर वापस न आने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की।
परिजनों ने बताया कि पांच महीने पहले सुरेंद्र व उसके दोस्तों का श्रीकिशन से विवाद हुआ था।
सुरेंद्र की किसी से कोई रंजिश नहीं थी
इस दौरान गांव का छत्रपाल बीच-बचाव करने आया था। इसमें छत्रपाल का हाथ टूट गया था। इसके बाद से छत्रपाल सुरेंद्र से दुश्मनी मानने लगा था। परिजनों की मानें, तो इसके अलावा सुरेंद्र की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और जांच में जुटी है।
16 मई को दर्ज कराई थी गुमशुदगी
परिजनों ने 16 मई को सुरेंद्र के गुम होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर सुरेंद्र की तलाश कर रही थी। शुक्रवार सुबह जाल में लिपटा हुआ सुरेंद्र का शव मिला। सूचना पर पहुंची नवाबगंज थाना पुलिस ने घटनास्थल की जांच की। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। शनिवार को सुरेंद्र का पोस्टमार्टम होगा।
कलाई में गुदे नाम से हुई पहचान
15 दिन से शव गंगा नदी में पड़े रहने से गल गया था। युवक के शरीर का मांस भी मछलियां खा गई थीं। युवक का हुलिया देख पुलिस ने सुरेंद्र के परिजनों को मौके पर बुलाया। परिजनों ने सुरेंद्र के हाथ की कलाई में गुदे उसके नाम और कटी हुई हाथ की एक अंगुली से उसकी पहचान की।
अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। वारदात के खुलासे के लिए तीन टीमें लगा दी गई है।