वाराणसी, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी के यूपी कॉलेज परिसर की मजार में नमाज पढ़ने को लेकर जारी विवाद के बीच अब छात्रों ने वक्फ बोर्ड को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा है। नोटिस में 11 बिंदुओं पर सवाल पूछे गए हैं। विधिक नोटिस में उन्होंने पूछा है कि वक्फ बोर्ड ने बनारस की कितनी जमीनों पर अपना कब्जा दिखाया है, इसका कागज कहां है?
नोटिस में छात्रों ने पूछा है कि सड़क पर मजार बनाकर अतिक्रमण क्यों किया गया? सर्किट हाउस में मजार कब बनी, किसकी है? इनका सिजरा उपलब्ध कराएं। कहीं ये अरब या तुर्की के हमलावर तो नहीं रहे? उदय प्रताप कॉलेज की तीन किलोमीटर की परिधि में जितने भी मस्जिद और मजार हैं, उनके मुतवल्ली, इमाम और प्रबंध समिति का नाम, नंबर तथा नागरिकता का विवरण उपलब्ध कराएं। इसके अलावा मजार किसकी है, उनकी नागरिकता क्या थी? वे विदेशी मुस्लिम हमलावर जिन्होंने बनारस में अतिक्रमण किए थे, यहीं के लोगों के कत्लेआम किए। जिनको महिमा मंडित किया जा रहा है, उनकी कितनी कब्रें हैं? मजारों और मस्जिदों का पैसा कहां से आता है? अब तक किए गए खर्च का विवरण प्रस्तुत करें। किन हिंदू मंदिरों को तोड़कर अतिक्रमणकारियों ने मस्जिद बनाई है? उनका विवरण दें। जहां आज मस्जिदें और मजार हैं, वहां का एक हजार साल पहले का इतिहास क्या था?
नोटिस में पूछा गया है कि जो लोग आज मस्जिद और मजारों पर अपना दावा कर रहे हैं, उनके पूर्वजों का सिजरा और उनका सिलसिला, अरब से आए हों तो उसका पूरा विवरण, कब आए, अरब में किस शहर और गांव में हैं? मुहम्मद गोरी और बाबर जब आए और बनारस को लूटा तो उसके परिवार का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। नोटिस मिलने के पंद्रह दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उदय प्रताप शिक्षा समिति आगे की रणनीति बनाने के लिए बाध्य होगी।
यूपी कॉलेज के छात्र नेता उत्तम सिंह राठौर ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने कुछ हफ्ते पहले नोटिस जारी कर कहा कि उदय प्रताप कॉलेज की सारी संपत्ति उसकी है। उसे लेकर हमने धरना दिया और ज्ञापन दिया। शिवपुर थाना इंचार्ज को ज्ञापन दिया। हमने हनुमान चालीसा का पाठ किया। गैरकानूनी तरीके से मजार और मस्जिद बताई जा रही है। उसकी जांच करके उसे ध्वस्त किया जाए।
उदय प्रताप सिंह कॉलेज के पूर्व महामंत्री शिवम सिंह बाबू ने कहा कि हमने जो नोटिस भेजा है। हमारी मांग है, वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि उदय प्रताप कॉलेज की सारी संपत्ति उनकी है। कॉलेज में जो मजार था, उसे मस्जिद का रूप दे दिया है। हम लोगों ने जानना चाहा है कि बनारस में कितनी जगह मस्जिद और मजार है। आप अपने कागजात दिखाएं। हमने वक्फ बोर्ड से यूपी कॉलेज का कागज मांगा है। वक्फ बोर्ड ने अफवाह फैलाई है। उसका विरोध किया है। हमने 15 दिन के अंदर नोटिस का जवाब मांगा है।
यूपी कॉलेज परिसर स्थित मस्जिद की जमीन को वक्फ बोर्ड की बताते हुए गत दिनों सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल किया गया था। हालांकि, वक्फ बोर्ड की ओर से स्पष्ट किया गया कि यूपी कॉलेज परिसर स्थित मस्जिद की जमीन से संबंधित नोटिस वर्ष 2021 में ही निरस्त किया जा चुका है।
–आईएएनएस
विकेटी/एबीएम