यूपी : आईएसआईएस से प्रभावित दो युवकों की गिरफ्तारी, दिल्ली में हमले की साजिश नाकाम

लखनऊ, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश को विफल कर दिया है। आईएसआईएस के प्रचार वीडियो से प्रभावित होकर आत्मघाती हमला करने की योजना बना रहे दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी दिल्ली के भीड़-भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाने की तैयारी में लगे थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 17 अक्टूबर को एफआईआर संख्या 269/25 धारा 113(3)/61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था।
इसके आधार पर 18 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित करौंद से अदनान खान उर्फ अबु मौहम्मद (20 वर्ष) पुत्र गुलफाम मियां को गिरफ्तार किया गया। इसी क्रम में दिल्ली के सादिक नगर, सेक्टर-03 से अदनान खान (19 वर्ष) पुत्र सलीम खान को भी हिरासत में लिया गया। दोनों आरोपी आईएसआईएस से जुड़े वीडियो देखकर कट्टर विचारधारा से प्रभावित हो गए थे।
उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आत्मघाती हमले से संबंधित लिंक डाउनलोड किया था और दिल्ली के व्यस्त बाजारों या सार्वजनिक स्थलों पर धमाका करने की योजना रच रहे थे।
भोपाल से पकड़े गए अदनान खान उर्फ अबु मौहम्मद का आपराधिक इतिहास पहले से ही विवादास्पद है। एटीएस यूपी ने जून 2024 में उसे ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे वाराणसी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मुकदमा संख्या 06/2024 धारा 115/153(A)/506 आईपीसी तथा 13 यूपीए के तहत मामला दर्ज हुआ था। वह 25 सितंबर 2024 से जमानत पर बाहर था, लेकिन इस दौरान फिर से कट्टर गतिविधियों में लिप्त हो गया।
पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि आईएसआईएस की वैचारिक प्रचार सामग्री ने उसे प्रभावित किया, जिसके चलते वह हमले की योजना बना रहा था।
दूसरा आरोपी अदनान खान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के किदवई नगर का निवासी है। उसके पिता सलीम खान दूरदर्शन में ड्राइवर हैं और 2023 में दिल्ली ट्रांसफर के बाद पूरा परिवार सादिक नगर के सरकारी आवास में रहने लगा। आरोपी पढ़ाई-लिखाई में औसत था और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता था, जहां से वह आईएसआईएस के प्रोपेगेंडा से जुड़ा।
पुलिस को शक है कि दोनों के बीच ऑनलाइन संपर्क था, जो भोपाल और दिल्ली के बीच पुल का काम कर रहा था।
फिलहाल दोनों आरोपी दिल्ली स्पेशल सेल के पीसीआर (पुलिस कस्टडी रिमांड) में हैं। एटीएस यूपी की टीम लगातार पूछताछ कर रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश में उनके अन्य संपर्कों और सहयोगियों का पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में मोबाइल फोन, लैपटॉप और ऑनलाइन चैट हिस्ट्री से कई सुराग मिले हैं।
–आईएएनएस
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