संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान के खिलाफ करनी चाहिए कार्रवाई : आनंद शर्मा


नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक अभियान के तहत प्रमुख भागीदार देशों का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गुरुवार को कहा कि यह वैश्विक जनमत का निर्माण और उसे संगठित करने के लिए भारत द्वारा किया गया एक सामूहिक प्रयास था ताकि दुनिया को सीमापार से लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों के बारे में जागरूक किया जा सके, जिनमें सबसे हालिया हमला पहलगाम में हुआ। यह भारत का सामूहिक प्रयास था ताकि दुनिया को हमारे दर्द और गुस्से से अवगत कराया जा सके।

एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि सिर्फ प्रतिनिधिमंडल भेजने से बात पूरी नहीं हो जाती। उस देश की प्रकृति क्या है, उसका नैतिक अधिकार क्या है, उसका चरित्र क्या है, उसने अतीत में क्या किया और अब क्या कर रहा है, ये बातें ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, भारत ने कभी किसी को धोखा नहीं दिया, भारत ने कभी किसी दूसरे देश पर हमला नहीं किया, उसने किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया तो, भारत और पाकिस्तान की तुलना कैसे की जा सकती है? यह गलत है।

उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए समर्थन जुटाने का एक प्रयास था। हमारे खिलाफ बार-बार आतंकवादी हमले किए गए हैं, जिसमें पहलगाम हमला सबसे हालिया हमला है। हम जहां भी गए, हमने उन देशों के नेतृत्व को इस स्थिति के बारे में सूचित किया। दक्षिण अफ्रीका, कतर, मिस्र और इथियोपिया जैसे देशों ने भारत के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाई है और आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है। आतंकवादियों को पाकिस्तान और उसकी सेना से समर्थन मिलना जारी है और वे वहां अपने अड्डे बनाए हुए हैं। इसलिए, संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक समुदाय को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत का यह अभियान केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। दुनिया में कहीं भी आतंकवादी हमले होते हैं, उसमें पाकिस्तान का नाम आता है। हमें उम्मीद है कि इस यात्रा के बाद वैश्विक समुदाय इस मुद्दे के प्रति और संवेदनशील होगा। भारत अपने प्रयास जारी रखेगा।

उन्होंने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया और इसे “शर्मनाक और चौंकाने वाला” करार दिया। शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान के पास न तो नैतिक अधिकार है और न ही विश्वसनीयता, इसलिए इस निर्णय पर पुनर्विचार की जरूरत है।

लोकतंत्र में चर्चा की परंपरा का जिक्र करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आवाज एकजुट है। साल 1962, 1971 और कारगिल युद्ध के बाद भी ऐसी चर्चाएं हुई हैं। लोकतंत्र में यह एक परंपरा है। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि पूरे विपक्ष ने इसकी मांग की है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। इसमें अलग-अलग विचारधाराएं और पार्टियां शामिल होती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारी आवाज एक नहीं है। भारत की यह लड़ाई केवल एक सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। जहां लोकतंत्र है, वहां चर्चाएं होती हैं। इसे इसी तरह देखा जाना चाहिए। इसमें चौंकने वाली कोई बात नहीं है।

कुवैत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों पर 19 साल से लगे वीजा प्रतिबंध को हटाने की खबर पर कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, “यह उन दो देशों के बीच का मामला है। मैं किसी देश का प्रवक्ता नहीं हूं।”

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे


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