केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' कार्यक्रम की शुरुआत की

समस्तीपुर, 29 मई (आईएएनएस)। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ कार्यक्रम की शुरुआत की। केंद्रीय मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए रामनाथ ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय के नेतृत्व में बारह से अधिक पेटेंट हासिल किए गए हैं। डॉ. पांडेय ने लीची शो को एक तरह का राष्ट्रीय पर्व बना दिया है, जिसकी चर्चा कई राज्यों में है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के इस अभियान की बहुत बड़ी जिम्मेदारी डॉ. पांडेय को दी गई है। उन्होंने न सिर्फ विश्वविद्यालय बल्कि अन्य राज्यों के भी विकसित कृषि संकल्प अभियान को सफल बनाना है।
रामनाथ ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के कल्याण को लेकर लगातार निर्णय ले रहे हैं, जिसका फायदा किसान महसूस कर रहे हैं।”
कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि भारत सरकार के इस मेगा अभियान से डेढ़ करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा होगा। बिहार और झारखंड में 174 टीम बनाई गई हैं। हर टीम में पांच से छह वैज्ञानिक होंगे।
उन्होंने कहा, “इस मेगा अभियान के लिए विश्वविद्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से अभियान के सभी मूवमेंट की निगरानी की जाएगी।”
कुलपति ने कहा, “वैज्ञानिकों को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों की समस्याओं को नोट करें और उसे तुरंत पोर्टल पर अपडेट करें। किसानों की समस्याओं को उसी दिन केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाएगा। ऐसी समस्या जिस पर अनुसंधान की आवश्यकता है, उस पर अनुसंधान किया जाएगा। जिन समस्याओं का समाधान तुरंत किया जा सकता है, उसका तत्काल निराकरण किया जाएगा।”
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. मयंक राय ने कहा, “विश्वविद्यालय में इस मेगा अभियान को लेकर 38 टीम बनाई गई हैं जो पंद्रह दिनों तक गांव में किसानों से मुलाकात करेंगी। हर टीम एक दिन में तीन गांव का दौरा करेगी। इस तरह से लगभग डेढ़ लाख से अधिक किसानों से संपर्क किया जाएगा। पूरे बिहार में 130 टीम बनाई गई हैं जो साढ़े छह लाख से अधिक किसानों से संपर्क करेंगी।”
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी डॉ. रत्नेश झा ने कहा, “सभी वैज्ञानिक अपने दिन भर की गतिविधियों को रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपडेट करेंगे। इसकी निगरानी विश्वविद्यालय स्तर पर, राज्य स्तर पर और केंद्र सरकार के स्तर पर की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “अधिक से अधिक किसान अपनी समस्याओं से वैज्ञानिकों को अवगत कराएं।”
डॉ. रत्नेश झा ने कार्यक्रम के दौरान धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम से पहले श्री रामनाथ ठाकुर ने भारत रत्न श्री कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
–आईएएनएस
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