यूएनएचसीआर ने जाम्बिया में शरणार्थियों की मदद के लिए सौर परियोजना शुरू की

यूएनएचसीआर ने जाम्बिया में शरणार्थियों की मदद के लिए सौर परियोजना शुरू की

लुसाका, 29 जनवरी (आईएएनएस)। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने जाम्बिया में शरणार्थी बस्तियों में सौर फोटोवोल्टिक परियोजना शुरू की, जिससे शरणार्थियों और आसपास के समुदायों का जीवन सहज हो सके।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सौर परियोजना से देश की राजधानी लुसाका, देश के उत्तरी भाग में मंटापला शरणार्थी बस्ती और देश के पश्चिमी भाग में मेहेबा शरणार्थी बस्ती को लाभ मिलने की उम्मीद है।

यह यूएनएचसीआर और जाम्बिया के गृह मंत्रालय और आंतरिक सुरक्षा के सहयोग से संभव हुआ है। यह परियोजना शरणार्थी बस्तियों को एक स्थिर बिजली आपूर्ति प्रदान करेगी और बिजली की कमी के कारण जाम्बिया में बार-बार बिजली कटौती से उत्पन्न चुनौतियों को कम करेगी।

लुसाका में मकेनी रिफ्यूजी ट्रांजिट सेंटर में परियोजना के शुभारंभ के दौरान जाम्बिया में यूएनएचसीआर की प्रतिनिधि प्रीता लॉ ने कहा, “जैसा कि हम सभी जानते हैं, विस्थापित व्यक्तियों को आवश्यक सेवाएं और सुरक्षा प्रदान करने के लिए विश्वसनीय ऊर्जा तक पहुंच महत्वपूर्ण है। बार-बार बिजली कटौती से उत्पन्न चुनौतियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें ऐसे अभिनव समाधान तलाशने चाहिए जो तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करें और अधिक टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त करें।”

उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश है, बल्कि मानवीय गरिमा के लिए भी निवेश है।

उन्होंने कहा कि यह शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के हेल्थकेयर, सुरक्षा और पंजीकरण जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगी। उनके अनुसार, यह परियोजना एक विश्वसनीय और लागत प्रभावी समाधान भी प्रदान करती है और डीजल जनरेटर पर निर्भरता को कम करती है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।

जाम्बिया के गृह मंत्रालय और आंतरिक सुरक्षा में स्थायी सचिव डिक्सन माटेम्बो ने शरणार्थियों और मेजबान समुदायों को सशक्त बनाने के जाम्बिया के प्रयासों के लिए यूएनएचसीआर के निरंतर सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए शरणार्थियों पर वैश्विक समझौते के तहत जाम्बिया की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है, जिसमें शरणार्थियों और मेजबान समुदायों के लिए समर्थन पर जोर दिया गया है।

–आईएएनएस

केआर/

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