युगांडा में हर रोज 600 कांगोवासियों का प्रवेश, संसाधनों पर बढ़ा बोझ : यूएनएचसीआर


जिनेवा, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। जनवरी से अब तक 41,000 से ज्यादा शरणार्थी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) से युगांडा में आए हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक इनमें से कई लोगों ने यात्रा के दौरान हत्या, ‘यौन हिंसा और अन्य दर्दनाक घटनाओं’ का सामना किया।

पूर्वी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों और कांगो के सैनिकों के बीच हुई लड़ाई में कई लोगों की जान चली गई है और बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर छोड़ भागना पड़ा है।

मंगलवार को जारी एक संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने के अंत से हर दिन करीब 600 कांगोवासी सीमा पार करके युगांडा में आ रहे हैं।

युगांडा, जो अफ्रीका में शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या वाला देश है। इस क्षेत्र के कुल 1.8 मिलियन शरणार्थियों में से लगभग 6,00,000 शरणार्थियों ने यहां शरण ली हुई है।

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने कहा, “इससे देश की क्षमता पर असर पड़ने का खतरा है, क्योंकि यह सूडान भागकर आए 70,000 से ज्यादा सूडानी शरणार्थियों की जरुरतों को भी पूरा कर रहा है। ट्रांजिट सेंटर पर बहुत दबाव है, खासकर युगांडा के न्याकाबांडे में, जहां क्षमता से छह गुना ज्यादा भीड़ हो गई है।”

एजेंसी ने आगे कहा कि कई नए शरणार्थी – ज्यादातर महिलाएं और बच्चे – पैदल या स्थानीय परिवहन से आए हैं। इसके अलावा, सशस्त्र समूहों द्वारा जबरन भर्ती से बचने के लिए कई पुरुष अपने परिवारों से अलग होकर यात्रा कर रहे हैं।

यूएनएचसीआर के अनुसार, बच्चे खासतौर पर असुरक्षित हैं, क्योंकि मलेरिया और कुपोषण के उच्च स्तर के कारण वे अक्सर कमजोर हालत में पहुंच जाते हैं।

धन की कमी मानवीय सहायता को बुरी तरह प्रभावित कर रही है, जिससे यूएनएचसीआर को कुछ जरूरी सेवाओं, जैसे शरणार्थियों के लिए कानूनी मदद, में कटौती करनी पड़ रही है।

–आईएएनएस

एसएचके/एमके


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