यूएनजीए प्रेसिडेंट ने 'ऐतिहासिक अन्याय' को दूर करने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग की : प्रवक्ता

संयुक्त राष्ट्र, 21 (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की अध्यक्ष एनालेना बेयरबॉक ने सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनकी प्रवक्ता ला नीस कॉलिन्स के अनुसार, बेयरबॉक का लक्ष्य परिषद की पुरानी संरचना को ठीक करना है, जिसे वह ‘ऐतिहासिक रूप से अन्यायपूर्ण’ मानती हैं।
कॉलिन्स ने बताया कि अध्यक्ष का मानना है कि सुरक्षा परिषद में सुधार पर खुलकर चर्चा और विचार-विमर्श होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बेयरबॉक कई बार यह बात कह चुकी हैं, जैसे कि उदाहरण के लिए अफ्रीका महाद्वीप के किसी भी देश का सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य न होना एक ऐतिहासिक अन्याय है और यह परिषद आज की दुनिया का सही प्रतिनिधित्व नहीं करती।
महासभा की अध्यक्ष के रूप में, बेयरबॉक ने किसी विशेष सुधार योजना का समर्थन नहीं किया है, लेकिन वे यह स्पष्ट कर चुकी हैं कि यह संस्था 80 वर्ष पहले एक बिल्कुल अलग समय में बनी थी और अब इसे 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार बदलना आवश्यक है।
बेयरबॉक जर्मनी की पूर्व विदेश मंत्री रही हैं और उस समय भी वे सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने, तथा भारत और जर्मनी को स्थायी सीट देने की पक्षधर थीं।
जर्मनी जी-4 समूह का हिस्सा है, जिसमें भारत, ब्राज़ील और जापान शामिल हैं। यह समूह सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए प्रयास करता है।
पिछले साल, उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ जी4 विदेश मंत्रियों की एक मीटिंग में हिस्सा लिया और उस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें चारों देशों ने एक-दूसरे को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया।
उस बयान में यह भी कहा गया था कि सुरक्षा परिषद सुधार से जुड़ी इंटर-गवर्नमेंटल नेगोशिएशन प्रोसेस (आईजीएन) में वर्षों से ठोस प्रगति न होने पर मंत्रियों ने गहरी चिंता जताई और टेक्स्ट-बेस्ड बातचीत जल्द शुरू करने की मांग की।
महासभा की अध्यक्ष के रूप में बेयरबॉक ने हाल ही में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि तारिक एम. ए. एम. अलबनाई और नीदरलैंड्स की लीज़ ग्रेगोइरे-वैन हारेन को आईजीएन वार्ताओं के सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है, ताकि इस बातचीत को फिर से शुरू किया जा सके।
–आईएएनएस
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