गुजरात टाइटंस को खली बेहतरीन भारतीय मध्यक्रम बल्लेबाज की कमी: टॉम मूडी


नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। आईपीएल-2025 के एलिमिनेटर मैच में गुरुवार को गुजरात टाइटंस और मुंबई इंडियंस का सामना हुआ, जिसमें गुजरात को 20 रन से हार का सामना करना पड़ा।

सनराइजर्स हैदराबाद के पूर्व हेड कोच टॉम मूडी का मानना ​​है कि गुजरात को अपनी टीम में एक बेहतरीन भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाज की जरूरत है, जो आईपीएल 2025 के एलिमिनेटर में मुंबई से हारने के बाद नजर आई कमी को पूरा कर सके।

इस सीजन जीटी के शानदार अभियान की अगुआई कप्तान शुभमन गिल, साई सुदर्शन और जोस बटलर जैसे शीर्ष तीन बल्लेबाजों ने की थी। इसका मतलब था कि लीग मैचों में उनके मध्यक्रम को ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।

चंडीगढ़ में 229 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, वाशिंगटन सुंदर और सुदर्शन के आउट होने के बाद, गुजरात के मध्यक्रम के बल्लेबाज- शेरफेन रदरफोर्ड, राहुल तेवतिया और शाहरुख खान मुंबई की गेंदबाजी लाइन-अप के सामने लय बनाए नहीं रख सके। आईपीएल 2022 की इस विजेता टीम को अंततः खिताबी रेस से बाहर होना पड़ा।

मूडी ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो पर कहा, “मैं रदरफोर्ड और तेवतिया को एक-दूसरे के साथ जोड़ता हूं। मुझे लगता है कि दोनों की भूमिकाएं समान हैं, लेकिन आज दोनों ने मिलकर 26 गेंदों का सामना किया और एक छक्का लगाया। मेरे हिसाब से, यही सब कुछ बताता है।”

“वे पारी के अंतिम पलों में बल्लेबाजी कर रहे हैं, जहां बाउंड्री का बोलबाला रहता है। या तो चौके या छक्के, सिंगल और डबल नहीं। बाउंड्री का बोलबाला है और इसी के लिए वे ट्रेनिंग लेते हैं।”

“टीम के पास एक बेहतरीन भारतीय शीर्ष-क्रम/मध्य-क्रम खिलाड़ी की कमी है, जो उस कमी को पूरा कर सके। अगर वे उसे हासिल कर लेते हैं, तो यह निश्चित रूप से उनकी टीम के संतुलन में बड़ा बदलाव लाएगा।”

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वरुण आरोन आईपीएल 2022 का खिताब जीतने के समय गुजरात टाइटंस का हिस्सा थे। उनका मानना ​​है कि टीम के पास मध्य-क्रम में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं था, जो साल 2022 में डेविड मिलर द्वारा टीम के लिए किए गए प्रदर्शन को दोहरा सके।

वरुण आरोन ने कहा, “तेवतिया हमेशा से ही ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जो आखिरी दो या अधिकतम तीन ओवरों में आकर शानदार खेलते हैं। बहुत मुश्किल समय में, हां, लेकिन वह कभी भी उन खिलाड़ियों में से नहीं रहे… उदाहरण के लिए, डेविड मिलर वह खिलाड़ी थे, वह रदरफोर्ड थे। वह छह-सात ओवर शेष रहते मैदान में उतरते थे, अपनी पारी को अच्छी तरह से आगे बढ़ाते थे। जब वह जम जाते, तो एक भी स्लॉट बॉल मिस नहीं करते। डेविड मिलर के स्लॉट बॉल मिस करने की कोई संभावना नहीं थी। वह उस साल ऐसे ही खिलाड़ी थे और इसीलिए जीटी ने वह फाइनल जीता। क्योंकि ऐसे कई मैच थे, जहां टॉप ऑर्डर ने मिलर के लिए ये अच्छी तरह से सेट किया था। मिलर ने फिनिश किया। इस साल, रदरफोर्ड दो या तीन मौकों से अधिक ऐसा करने में सक्षम नहीं थे।”

–आईएएनएस

आरएसजी/आरआर


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