अयोध्या में गुरुवार को विधिवत विधिविधान से राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का विग्रह स्थापित किया जा चुका है। पांच वर्ष के राम लला का यह विग्रह श्याम वर्ण का है। रामलला कमल के पुष्प पर खड़े हैं। गर्भगृह में स्थापित होते समय रामलला का हाथ और मुख पीले रंग के कपड़े से ढका हुआ है। जबकि छाती सफेद रंग के कपड़े से ढका हुआ था। भगवान राम के चरण खुले हुए थे।
आज का कार्यक्रम
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान शुरू हो चुका है। सात दिन चलने वाले इस अनुष्ठान का आज चौथा दिन है। आज यानी शुक्रवार को गणपति व अन्य देवताओं का पूजन, द्वारपालों की ओर से सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन व पञ्चभूसंस्कार के बाद सुबह नौं बजे अरणिमन्थन से अग्नि प्रकट होगी। अरणिमन्थन की ओर से प्रकट हुई अग्नि की कुण्ड में स्थापना, ग्रहस्थापन, असंख्यात रुद्रपीठस्थापन, प्रधानदेवतास्थापन, राजाराम – भद्र – श्रीरामयन्त्र – बीठदेवता – अङ्गदेवता – आवरणदेवता – महापूजा, वारुणमण्डल, योगिनीमण्डलस्थापन, क्षेत्रपालमण्डलस्थापन, ग्रहहोम, स्थाप्यदेवहोम, प्रासाद वास्तुश्शान्ति, धान्याधिवास सायंकालिक पूजन और आरती होगी।