गोल्फ में बेहतर प्रदर्शन के लिए हमें मानसिकता पर काम करना होगा: शुभांकर शर्मा

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप गोल्फ के भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़े मौके के रूप में आया। इससे पहले भारत में कभी भी इतना बड़ा आयोजन नहीं हुआ है। आयोजन में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी रोरी मैक्लरॉय और दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी टॉमी फ्लीटवुड भी हिस्सा बने। चैंपियनशिप की इनामी राशि 40 लाख डॉलर थी।
अगर डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप में भारतीय गोल्फरों के प्रदर्शन की बात करें तो शिव कपूर (72-69-70-68) ने 9-अंडर 279 के स्कोर के साथ संयुक्त 32वें स्थान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। ध्रुव श्योराण (68-73-67-72) अंतिम राउंड में 72 के स्कोर के साथ संयुक्त 36वें स्थान पर 8-अंडर 280 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर रहे। शुभंकर शर्मा और अनिर्बान लाहिड़ी संयुक्त 56वें स्थान पर 3-अंडर 285 के स्कोर के साथ रहे। अभिनव लोहान संयुक्त 63वें स्थान पर (1-अंडर 287) रहे।
चैंपियनशिप में 26 भारतीयों ने भाग लिया था, जिसमें केवल पांच ही कट में जगह बना पाए। कोई भी भारतीय खिलाड़ी अपनी छाप नहीं छोड़ पाया। गगनजीत भुल्लर और एसएसपी चौरसिया जैसे खिलाड़ियों को अगर आईजीपीएल से जुड़े होने के कारण घरेलू प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई) से इस आयोजन के लिए आमंत्रण नहीं मिलता, तो कुछ और भारतीय इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते थे।
गगनजीत भुल्लर आखिरी भारतीय थे जिन्होंने कोई यूरोपीय प्रतियोगिता जीती थी। भुल्लर ने 2018 में फिजी इंटरनेशनल जीता था। डीजीसी में आखिरी बार किसी भारतीय ने अगस्त 2018 में ही कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती थी, जब खलिन जोशी ने पैनासोनिक ओपन में जीत हासिल की थी। शुभांकर ने भी फरवरी 2018 में यूरोपीय टूर पर जीत हासिल की थी।
शुभांकर शर्मा ने कहा, “अलग-अलग कोर्स और परिस्थितियों के अभ्यस्त होना मुश्किल है। मैं पिछले कुछ समय से यूरोपीय टूर पर हूं। मुझे पता है कि कौशल के मामले में हम विश्व स्तरीय हैं। हम मानसिक रूप से थोड़े कमजोर हैं।”
–आईएएनएस
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