सीईसी की एसआईआर घोषणा पर टीएमसी का बयान- 'हम हमेशा एक पारदर्शी मतदाता सूची के पक्ष में'


कोलकाता, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने सोमवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए जाने वाले एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने चुनाव आयोग के इस कदम पर प्रतिक्रिया दी है।

टीएमसी नेता ने कहा, “हमने राष्ट्रीय चुनाव आयोग की एसआईआर के बारे में घोषणा देखी है। हमारे नेता व अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पूरी स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, वे पूरी स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं। हम हमेशा एक पारदर्शी मतदाता सूची के पक्ष में हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य राज्यों में मतदाता सूची की नकल और पेस्ट की जा रही थी।”

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की मंत्री शशि पांजा ने एसआईआर के दूसरे चरण पर कहा कि हम संविधान को मानकर ही चलेंगे। अगर मतदाताओं का अधिकार छीनने का प्रयास होगा, तब संविधान और कानून के दायरे में रहकर टीएमसी लड़ेगी, लेकिन हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

इससे पहले शशि पांजा ने कहा कि हमने सुना है कि आज छठ पूजा है, जो बंगाल का एक प्रमुख त्योहार है, और हमारी नेता ममता बनर्जी और हम सभी इस उत्सव के लिए जमीनी स्तर पर पूरी तरह से लगे हुए हैं। चुनाव आयोग की एसआईआर संबंधी घोषणा के संबंध में हमारा नेतृत्व पूरे मामले की समीक्षा करेगा और बाद में जवाब देगा। जमीनी स्तर पर, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक वास्तविक मतदाता अपनी नागरिकता और मतदान के अधिकार को बरकरार रखे।

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने एसआईआर पर कहा कि हमारी मांग थी कि एसआईआर लागू करने से पहले, चुनाव आयोग को सभी मान्यता प्राप्त दलों के साथ एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया। चुनाव आयोग जो स्थापित करना चाहता है, वह देश के लोकतंत्र के हित में नहीं है।

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग एसआईआर लागू करने का आदेश देगा तो ऐसा किया जाएगा। अगर सत्तारूढ़ सरकार चाहती है कि एसआईआर लागू हो तो उसका पालन किया जाएगा।

डिंपल यादव ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर एसआईआर कराने की जरूरत क्या है। एसआईआर कराकर क्या वो यह कहना चाहते हैं कि देश में अभी तक जितने भी चुनाव हुए हैं, वो सब अलोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं? इसको लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट कर रही है।

–आईएएनएस

एमएस/डीकेपी


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