टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी से की मुलाकात, एसआईआर को लेकर दर्ज कराई शिकायत

कोलकाता, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। चुनावी लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) का दूसरा फेज शुरू होने के साथ ही, तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में मुख्य चुनाव अधिकारी के ऑफिस जाकर सुनवाई प्रक्रिया के बारे में कई शिकायतें दर्ज कराईं।
तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी शिकायतों को बताते हुए एक लिखित ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि सीईओ ऑफिस के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यह पत्र भारत के चुनाव आयोग को भेजा जाएगा।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, अरूप बिस्वास और शशि पांजा के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता मानस भुनिया और मोलोय घटक शामिल थे।
सीईओ ऑफिस के अधिकारियों से मिलने के बाद, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने एसआईआर प्रक्रिया के संचालन को लेकर चुनाव आयोग पर आरोप लगाए।
राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि रिवीजन का काम जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए, लेकिन आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, “जिस तरह से भाजपा शासित राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया चलाई जा रही है, उसी तरह से बंगाल में नहीं किया जा रहा है।”
भट्टाचार्य ने आगे दावा किया कि राज्य में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अधिकारियों की शक्तियों को कम किया जा रहा है, जिसे उन्होंने अवैध बताया। उन्होंने कहा, “हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे,” और आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।
राज्य मंत्री अरूप बिस्वास ने भी इसी तरह के आरोप लगाए, और दावा किया कि आयोग केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के दबाव में काम कर रहा है।
बिस्वास ने आरोप लगाया, “चुनाव आयोग वही कर रहा है जो भाजपा कह रही है। यह भाजपा की बी-टीम की तरह काम कर रहा है। चुनावी कार्यालय अब भाजपा कार्यालय की तरह काम कर रहा है, और केंद्र सरकार बार-बार यह तय कर रही है कि कौन वोटर रहेगा।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि एसआईआर प्रक्रिया के पहले दौर के बाद कथित तौर पर वोटर लिस्ट से हटाए गए लाखों लोगों के नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए।
बिस्वास ने कहा, “हम एक भी वैध वोटर का नाम हटाने नहीं देंगे।”
टीएमसी के वरिष्ठ नेता मानस भुनिया ने आरोप लगाया कि ये घटनाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं क्योंकि राज्य में तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सत्ता में हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने आगे आरोप लगाया कि एसआईआर के दौरान छोटी-मोटी गड़बड़ियों के लिए सुनवाई के लिए बुलाकर बुजुर्ग लोगों को परेशान किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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