महाराष्ट्र: आर्मी हेडक्वार्टर में चोरी के बाद गोवा में जाकर की मस्ती, मुंबई से तीन आरोपी गिरफ्तार


मुंबई, 9 नवंबर (आईएएनएस)। मुंबई में सेना के दक्षिणी कमान मुख्यालय (आर्मी हेडक्वार्टर) में एक कर्नल के केबिन से उनकी सर्विस पिस्टल, 9 कारतूस, साढ़े चार सौ ग्राम चांदी के बर्तन और 3 लाख रुपए चोरी हो गए। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

बदमाश पीछे के रास्ते से चोर मुख्यालय में घुसे, केबिन का ताला तोड़ा और वारदात के बाद फरार हो गए। चार दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट-12 ने तीनों आरोपियों को मलाड से दबोच लिया। आरोपी कुरार इलाके के रहने वाले हैं। तीनों लंबे समय से चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे थे और कुरार पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।

क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “आरोपी ] बेहद चालाक हैं। आर्मी मुख्यालय जैसे हाई-सिक्योरिटी जोन में घुसना आसान नहीं, लेकिन इन्होंने रेकी की, पीछे के रास्ते का पता लगाया और रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम दिया।”

वारदात के तुरंत बाद तीनों आरोपी चोरी का माल लेकर गोवा फरार हो गए। वहां चोरी के पैसे से मौज-मस्ती की, लग्जरी होटल में रुके और शराब-कबाब का लुत्फ उठाया, लेकिन जैसे ही मुंबई लौटे तो एक सूचना पर क्राइम ब्रांच ने उन्हें मलाड में एक किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में कर्नल की पिस्टल, सभी कारतूस, चांदी के बर्तन और बचा हुआ कैश बरामद कर लिया गया।

क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी ने पहले भी आर्मी कैंप के आसपास रेकी की थी। उसे मुख्यालय की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोर कड़ी का पता था। उसने अपने दो साथियों को शामिल किया और योजना बनाई। वारदात वाले दिन एक आरोपी बाहर पहरा देता रहा, जबकि दो मुख्यालय में घुसे। केबिन का ताला चाबी से खोला गया। बदमाशों ने असली चाबी से वारदात को अंजाम दिया या फिर डुप्लीकेट चाबी से, इसकी जांच की जा रही है। हालांकि क्राइम ब्रांच ने इनसाइड जॉब की संभावना से इनकार किया है।

यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर सवाल खड़े करती है। आर्मी मुख्यालय में हथियारों की चोरी न सिर्फ संस्थान की विश्वसनीयता पर बट्टा लगाती है, बल्कि आतंकी संगठनों के हाथों में हथियार पहुंचने का खतरा भी पैदा करती है। सेना ने तत्काल आंतरिक जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की जा रही है।

–आईएएनएस

एससीएच/वीसी


Show More
Back to top button